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EU MP Kashmir Visit: यूरोपीय संघ के सांसदों के कश्मीर पहुंचने पर लोगों का प्रदर्शन, हिंसक घटनाओं में चार घायल

जुलूस में शामिल तत्वों ने खुली दुकानों और सड़कों पर चल रहे वाहनों को बंद कराने के लिए पथराव भी किया। हिंसा पर उतरे शरारती तत्वों को खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

By Digpal SinghEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 08:27 AM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 03:53 PM (IST)
EU MP Kashmir Visit: यूरोपीय संघ के सांसदों के कश्मीर पहुंचने पर लोगों का प्रदर्शन, हिंसक घटनाओं में चार घायल
EU MP Kashmir Visit: यूरोपीय संघ के सांसदों के कश्मीर पहुंचने पर लोगों का प्रदर्शन, हिंसक घटनाओं में चार घायल

नई दिल्ली/श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर के हालात को लेकर पाकिस्तान व राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार की सच्चाई को जानने के लिए ही केंद्र सरकार ने यूरोपीय संघ के एक प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर दौरे की इजाजत दी है। यह प्रतिनिधिमंडल आज सुबह 11.45 बजे श्रीनगर एयरपोर्ट पर पहुंचा। यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों की कश्मीर मौजूदगी के दौरान वादी में हालात बिगाड़ने और कानून व्यवस्था का संकट पैदा करने के लिए शरारती तत्वों ने आज श्रीनगर के नटीपोरा, सौरा, एचएमटी समेत विभिन्न इलाकों में भड़काऊ नारबाजी करते हुए जुलूस निकालने का प्रयास किया। जुलूस में शामिल तत्वों ने खुली दुकानों और सड़कों पर चल रहे वाहनों को बंद कराने के लिए पथराव भी किया।

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हिंसा पर उतरे शरारती तत्वों को खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इसदौरान शरारती तत्वों और पुलिस के बीच हुई हिंसक घटनाओं में चार लोगों के जख्मी होने की सूचना है। यह दल बादामी बाग स्थित सैन्य छावनी भी जाएगा जहां यह सेना के अधिकािरयों से मिलेगा। इस मुलाकात के दौरान जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, एलओसी पर घुसपैठ और पाकिस्तानी सेना द्वारा जंगबंदी का उल्लंघन किए जाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।बादामी बाग सैन्य छावनी में ही सेना की चिनार कोर का मुख्यालय है। यह प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी राजभवन में मिलेगा।

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यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों की बादामी बाग में चिनार कोर कमांडर केजेएस ढिल्लों व अन्य सैन्याधिकारियों के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कश्मीर के हालात व एलआेसी की मौजूदा के बारे में जानकारी ली।

यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों की कश्मीर मौजूदगी के दौरान वादी में हालात बिगाड़ने और कानून व्यवस्था का संकट पैदा करने के लिए शरारती तत्वों ने आज श्रीनगर के नटीपोरा, सौरा, एचएमटी समेत विभिन्न इलाकों में भड़काऊ नारबाजी करते हुए जुलूस निकालने का प्रयास किया।

- जुलूस में शामिल तत्वों ने खुली दुकानों और सड़कों पर चल रहे वाहनों को बंद कराने के लिए पथराव भी किया। हिंसा पर उतरे शरारती तत्वों को खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान शरारती तत्वों और पुलिस के बीच हुई हिंसक घटनाओं में चार लोगों के जख्मी होने की सूचना है।

- यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर आगमन से पूर्व दिल्ली में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता पूर्व सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग, इमरान रजा अंसारी, उस्मान मजीद मिले की मुलाकात से रियासत की सियासत भी तेज हो गई है। इन नेताओं की मुलाकात को कश्मीर में हालात सामान्य बनाने और राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा की जा रही कवायद के सफल होने के संकेत के तौर पर लिया जा रहा है।  

दौरे की तैयारियों से जुड़े स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि यह प्रतिनिधिमंडल डल झील के पास स्थित एक होटल में रुकेगा और वहीं पर स्थानीय नागरिक समाज, विभिन्न सामाजिक संगठनों समेत करीब 14 प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात करेगा। राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार व राज्य प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी यह दल मिलेगा। यह प्रतिनिधिमंडल डल झील का भी दौरा करेगा। इस दल ने पहले कुपवाड़ा भी जाना था, लेकिन यह दौरा कथित तौर पर रद्द हाे गया है। अलबत्ता, इसे अनंतनाग ले जाया जाएगा। पांच अगस्त के बाद कश्मीर का दौरा करने वाला यूरोपीय यूनियन के सांसद का यह दल पहला विदेशी प्रतिनिधिमंडल है।

दल को लद्दाख दौरे पर भी जाना है। इससे पहले दल मंगलवार सुबह दिल्ली से हवाई यात्रा के जरिए श्रीनगर के लिए रवाना हुआ था। यह दल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे गए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हालात का जायजा लेगा।

राज्य में हालात तेजी से सुधर रहे हैं, लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह कश्मीर को लेकर रोज नए-नए झूठ फैलाकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। यूरोपीय यूनियन सांसदों का दल पाकिस्तान की झूठी अफवाहों का भांडाफोड़ करेगा।

पीएम मोदी और अजित डोभाल से हुई मुलाकात

भारत दौरे पर आए यूरोपीय यूनियन के 28 सांसदों को सरकार ने कश्मीर जाने की इजाजत दी है, लेकिन बता दें कि यह EU का कोई आधिकारिक दल नहीं है। इन सांसदों के दल ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से अलग-अलग मुलाकात की। पीएम मोदी ने ईयू सांसदों को अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किन परिस्थितियों में यह फैसला लिया गया और किस तरह सीमा पार से चल रही आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए यह जरूरी कदम था।

विदेशी दल पहली बार कश्‍मीर में

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दौरे पर जाने वाले यूरोपीय यूनियन के सांसदों में छह पोलैंड और फ्रांस से 6-6, ब्रिटेन के पांच, इटली की चार, जर्मनी के दो और चेक गणराज्य, बेल्जियम, स्पेन व स्लोवाकिया के एक-एक सांसद हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले के बाद पहली बार किसी भी विदेशी दल को वहां जाने की इजाजत मिली है।

वेल्स से यूरोपीय संसद के सदस्य नाथन गिल ने एयरपोर्ट जाते हुए एएनआइ से बात करते हुए कहा, 'यह हमारे लिए एक अच्छा अवसर है कि हम विदेशी दल के रूप में कश्मीर जाएं और वहां पर जो कुछ हो रहा है उसे अपनी आंखों से देखें।'

कांग्रेस बोली भारतीय संसद का अपमान

यूरोपीय यूनियन सांसदों के दल के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दौरे को लेकर कांग्रेस को ऐतराज है। कांग्रेस ने इसे भारतीय संसद की संप्रभुता का अनादर बताया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, 'पार्टी इस मुद्दे को संसद में उठाएगी, क्योंकि सरकार का यह फैसला भारतीय सांसदों के सामूहिक विशेषाधिकारों का उल्लंघन है।' कांग्रेस के ही एक अन्य नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि जब भारतीय नेताओं को जम्मू-कश्मीर के लोगों से मिलने से रोका जा रहा है तो फिर यूरोपीय नेताओं को ऐसी अनुमति क्यों दी जा रही है। यह भारत की अपनी संसद और लोकतंत्र का अपमान है।

येचुरी को भी एतराज

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को भी यूरोपीय यूनियन सांसदों के दल को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जाने की अनुमति देने पर एतराज है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'भारतीय राजनीतिक दलों के नेताओं और सांसदों को बार-बार श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर निकलने से क्यों रोका गया? मुझे भी श्रीनगर में तभी जाने दिया गया जब मेरी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुझे अनुमति मिली। आज भी भारतीय सांसदों को जाने की अनुमति नहीं है, जबकि मोदी ईयू सांसदों का स्वागत कर रहे हैं।'

भाजपा नेता ने भी उठाए सवाल

वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी यूरोपीय सांसदों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दौरे की इजाजत देने पर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं आश्चर्यचकित हूं कि विदेश मंत्रालय ने ईयू सांसदों के लिए उनकी निजी हैसियत में (अनऑफिशियल टूर) जम्मू-कश्मीर में कश्मीर क्षेत्र की यात्रा का प्रबंध किया है। यह हमारी राष्ट्रीय नीति के विपरीत है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह यह यात्रा रद करे क्योंकि यह अनैतिक है।'


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