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EPFO Interest Rate: वर्ष 2019-20 के लिए PF पर घटी ब्‍याज दरें, जानें क्या होगा असर

EPFO ने वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों का एलान कर दिया है। इस वित्त वर्ष के लिए ईपीएफओ ने कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर कम कर दी है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 01:08 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 03:01 PM (IST)
EPFO Interest Rate: वर्ष 2019-20 के लिए PF पर घटी ब्‍याज दरें, जानें क्या होगा असर

नई दिल्ली, पीटीआई। होले से पहले ईपीएफओ ने करोड़ों कर्मचारियों को झटका दिया है। दरअसल, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (Employee provident fund) पर ब्याज दर कम कर दी है। अब नई ब्याज दर 8.50 फीसद  है, जबकि पिछले साल  2018-19 में यह दर 8.65 फीसद थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन निवेश पर कम रिटर्न मिलने की वजह से पीएफ जमा पर ब्याज दर घटाया गया है। इसका असर ये होगा की अब वेतनभोगियों के पीएफ पर कम ब्याज मिलेगा। 

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क्यों लिया गया ये फैसला 

सूत्रों ने आगे बताया कि ईपीएफओ के लिए इस साल ब्याज दरें बनाए रखना मुश्किल है, क्योंकि  बॉन्ड, लॉन्ग टर्म एफडी से ईपीएफओ को जो रिटर्न मिलता है उसमें सालभर में 50-80 आधार अंकों की कमी आई है। ये फैसले  ईपीएफओ को हुए मुनाफे के आधार पर लिया गया है।

दरअसल, ईपीएफओ अपने सालाना निवेश का 85 फीसदी हिस्सा डेट बाजार में और बाकी का 15 फीसदी हिस्सा ईटीएफ के जरिए इक्विटी में निवेश करता है।पिछले साल मार्च के अंत में ईपीएफओ ने इक्विटी में लगभग 74,324 करोड़ रुपये लगाए थे। जिसपर ईपीएफओ को 14.74 फीसदी रिटर्न मिल गया था। नौकरीपेशा लोगों के लिए पीएफ का ब्याज दर काफी मायने रखती है। 

पिछले कुछ सालों में इस दर के मिलता रहा है ब्याज

वहीं, ईपीएफओ ने कर्मचारियों को वित्त वर्ष 2017-18 में वेतनभोगियों को 8.55 फीसदी की दर से ब्याज दिया था। पिछले पांच के मुकाबले ये सबसे कम था। वित्त वर्ष 2016-17 में पीएफ पर ब्याज 8.65 फीसद, 2015-16 में 8.80 फीसद दर से ब्याज मिलता रहा है। 2013-14 और 2014-15 में ईपीएफ पर 8.75 फीसदी दर से ब्याज दिया गया था।  बात करें वित्त वर्ष 2012-13 की तो ईपीएफ पर ब्याज दर 8.50 फीसद था।

कौन लेता है ब्याज दरों को लेकर फैसला 

गुरुवार को ईपीएफ की शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने बैठक की थी। जिसमें इस वित्त वर्ष के लिए पीएफ की व्याज दरों को फैसला लिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि पीएफ पर ब्याज दरें केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा ही तय की जाती हैं। हालांकि, उनके इस फैसले को पहले वित्त मंत्रालय से सहमति मिलना जरुरी होता है। 


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