गांव-गांव में तैनात होंगे पर्यावरण के दूत, 80 हजार युवाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने युवाओं को पर्यावरण के करीब लाने के लिए यह पूरी योजना तैयार की है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए करीब 24 करोड़ का एक कोष भी तैयार किया है।
अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। आने वाले दिनों में देश के प्रत्येक गांव में पर्यावरण के दूत तैनात होंगे। जो लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के साथ ही इस क्षेत्र में अपने भविष्य को भी संवारेगा। सरकार ने इसे लेकर एक बड़ी योजना तैयार की है। इसके तहत युवाओं को पर्यावरण से जोड़ने के लिए कौशल विकास से जुड़े करीब 50 नए कोर्स डिजाइन किए गए है। योजना के तहत इस साल 80 हजार युवाओं को प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने युवाओं को पर्यावरण के करीब लाने के लिए यह पूरी योजना तैयार की है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए करीब 24 करोड़ का एक कोष भी तैयार किया है। इसके तहत युवाओं को पर्यावरण से जुड़े विषयों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान जिन प्रमुख विषयों को कोर्स में शामिल किया गया है, उनमें प्रदूषण निगरानी(जल, वायु, ध्वनि और मृदा) शोधन संयंत्र (ईटीपी) प्रचालन, अपशिष्ट प्रबंधन, वन प्रबंधन, जल बजटिंग और आडिटिंग, नदी डाल्फिनों का संरक्षण, बांस प्रबंधन और जैव विविधता आदि शामिल है। कौशल विकास से जुड़े यह सभी कोर्स तीन महीने के होंगे।
मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक योजना के तहत प्रत्येक गांव से कम से कम एक युवा को इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा। इसके लिए पंचायतों से ही प्रस्ताव मांगे जाएंगे। पंचायतों की मांग के मुताबिक, यह संख्या बढ़ भी सकती है। योजना के तहत कोर्स भी इस तरह के तैयार किए गए है, जिसकी जरूरत आने वाले दिनों में पंचायतों को महसूस होगी।
प्रशिक्षकों की तलाश तेज
योजना के तहत प्रशिक्षकों का एक पूल तैयार किया जा रहा है, जिसकी मदद से देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। योजना के पहले फेज में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे, जो बाद में देश भर में ट्रेनिंग देने का काम करेंगे। माना जा रहा है कि अप्रैल से यह प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।