Move to Jagran APP

पर्यावरण मंत्रालय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा, गंगा में प्रदूषण पर बढ़ानी होगी निगरानी

पर्यावरण मंत्रालय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी से गंगा और उसकी सहायक नदियों की प्रदूषण निगरानी प्रणाली को और सशक्त बनाने को कहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 11:08 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 11:08 PM (IST)
पर्यावरण मंत्रालय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा, गंगा में प्रदूषण पर बढ़ानी होगी निगरानी
पर्यावरण मंत्रालय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा, गंगा में प्रदूषण पर बढ़ानी होगी निगरानी

नई दिल्ली, पीटीआइ। पर्यावरण मंत्रालय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से गंगा और उसकी सहायक नदियों की प्रदूषण निगरानी प्रणाली को और सशक्त बनाने को कहा है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह और दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को एक अहम बैठक में जल की गुणवत्ता की कड़ी निगरानी करने पर सहमति जताई है।

loksabha election banner

पर्यावरण मंत्रालय की ओर से साझा किए गए ब्योरे के अनुसार, जावडेकर ने दोनों मंत्रालयों के अफसरों से आग्रह किया कि सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए राष्ट्रीय महत्व की नदी परियोजनाओं की मंजूरी की गति बढ़ाएं। गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के जल की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए संस्थागत प्रणालियां अपनाएं।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राष्ट्रीय महत्व की लंबित परियोजनाओं को पर्यावरण और वन मंत्रालयों की मंजूरी दिए जाने पर चर्चा की जाएगी। वहीं जल शक्ति के केंद्रीय मंत्री ने भी गंगा और उसकी सहायक नदियों के जल में प्रदूषण की स्थिति पर चर्चा की।

उन्होंने सीपीसीबी से अपील की कि वह मुख्यत: प्रदूषण बढ़ाने वाले उद्योगों के फिर से पूरी तरह से शुरू हो जाने के बाद लॉकडाउन के दौरान इन नदियों के जल में प्रदूषण की कमी के स्तर को कायम रखने की जरूरत है। इसके लिए सीपीसीबी को कड़ाई से इन नदियों के जल की गुणवत्ता की निगरानी करनी होगी। स्वच्छ गंगा के राष्ट्रीय अभियान के साथ तालमेल रखते हुए इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

उल्‍लेखनीय है कि बीते दिनों राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal, NGT) ने गंगा एवं दूसरी जल इकाइयों में प्रदूषक तत्वों का उत्सर्जन रोकने में विफल रहने पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga, NMCG) की खिंचाई की। एनजीटी ने कहा कि एनएमसीजी की रिपोर्ट में कोई अर्थपूर्ण कार्रवाई नहीं दिखाई देती है। एनजीटी ने कहा था कि रिपोर्ट में यह नहीं दिख रहा कि जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों ने कोई बैठक की हो या फील्ड का दौरा किया हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.