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भूमि सौदे में राकांपा नेता एकनाथ खडसे को ईडी ने किया तलब, राकांपा-शिवसेना ने की आलोचना

ईडी ने पुणे के एक भूमि सौदे में पूछताछ के लिए राकांपा नेता एकनाथ खडसे को तलब किया है। खडसे को 30 दिसंबर को ईडी के मुंबई दफ्तर आने को कहा गया है। भाजपा में 40 साल रहने के बाद खडसे हाल ही में राकांपा में शामिल हुए थे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 10:08 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 10:59 PM (IST)
भूमि सौदे में राकांपा नेता एकनाथ खडसे को ईडी ने किया तलब, राकांपा-शिवसेना ने की आलोचना
ईडी ने पुणे के भोसरी भूमि सौदे में पूछताछ के लिए राकांपा नेता एकनाथ खडसे को तलब किया है।

मुंबई, एजेंसियां। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पुणे के एक भूमि सौदे (Land Deal in Bhosri near Pune) में पूछताछ के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एकनाथ खडसे को तलब किया है। खडसे को 30 दिसंबर को ईडी के मुंबई दफ्तर आने को कहा गया है। खुद खडसे ने यह जानकारी दी और कहा कि वह ईडी के सामने पेश होंगे। इस भूमि सौदे में आरोप लगने के बाद खडसे को 2016 में महाराष्ट्र की तत्कालीन देवेंद्र फड़नवीस सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। वह राजस्व मंत्री थे।

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हाल ही में राकांपा में हुए थे शामिल

भाजपा में 40 साल रहने के बाद खडसे हाल ही में राकांपा में शामिल हुए थे। उनका कहना है कि यह जमीन उनकी पत्नी और दामाद ने चार करोड़ से कम में खरीदी थी और सबकुछ पारदर्शी तरीके से हुआ था। खडसे पर परिवार के लिए सरकारी जमीन की खरीद को आसान बनाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप है। खडसे ने कहा कि उन्हें ईमेल के जरिये ईडी का समन मिला है। उनसे 30 दिसंबर को ईडी के मुंबई दफ्तर में पेश होने को कहा गया है।

राकांपा-शिवसेना ने की आलोचना

एकनाथ खडसे का यह भी कहना था कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आयकर विभाग ने भी इस सौदे की जांच की थी और दोनों से उन्हें क्लीन चिट भी मिली थी। राकांपा और शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक और शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वह केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिये राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रही है। 

ईडी के सामने होंगे पेश 

एकनाथ खडसे ने कहा कि मैंने सभी एजेंसियों के साथ सहयोग किया और अब मैं ईडी कार्यालय भी जाऊंगा। बता दें कि साल 2015 में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद खडसे ने फडणवीस सरकार से इस्तीफा दे दिया था। उनके समर्थकों का आरोप था कि देवेंद्र फडणवीस के कारण ही खडसे को साइड लाइन किया गया। यही नहीं साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भी उनको टिकट नहीं मिला था। 


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