सड़क किनारे गलत तरीके से खड़े वाहन बन रहे यात्रियों की जान के दुश्मन
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक जहां 2017 में सड़क किनारे पार्क किए वाहनों से टक्कर के परिणामस्वरूप 7104 हादसों में 2317 लोग मारे गए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सड़क के किनारे अनधिकृत तरीके से वाहन खड़ा कर देने की भारतीयों की प्रवृत्ति देश की सड़क सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बनती जा रही है। आधुनिक सड़कों पर वाहनों की रफ्तार में बढ़ोतरी के बावजूद लोग इस आदत को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। नतीजतन हादसों और मौतों का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है। पिछले साल सड़क किनारे पार्क वाहनों से टक्कर के परिणामस्वरूप होने वाले हादसों की संख्या 91 फीसद बढ़ गई।
सड़क दुर्घटनाओं पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक जहां 2017 में सड़क किनारे पार्क किए वाहनों से टक्कर के परिणामस्वरूप 7,104 हादसों में 2,317 लोग मारे गए और 7,432 लोग घायल हुए थे। वहीं 2018 में पार्क वाहनों से टकराने वाले हादसों की संख्या बढ़कर 13,565 हो गई और इनमें 4838 लोग मारे गए तथा 12,895 लोग जख्मी हुए। ये पूरे 90.9 फीसद की बढ़ोतरी है और गलत तरीके से पार्क किए गए वाहनों के बढ़ते खतरे की ओर इशारा करती है।
इस स्थिति को इसलिए और दुर्भाग्यपूर्ण माना जाएगा क्योंकि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने चार वर्ष पहले ऐलान किया था कि राजमार्गो के किनारे गलत तरीके से ट्रक खड़े न हों, इसके लिए सरकार हर रोड साइड अमेनिटीज प्रोग्राम के तहत हर पचास किमी की दूरी पर ट्रकों की पार्किंग के इंतजाम करेगी। लेकिन इस दिशा में कुछ खास नहीं हुआ और अभी भी जगह-जगह ट्रक ही नहीं, बल्कि दूसरे तमाम वाहन भी सड़कों के किनारे अनधिकृत तरीके से खड़े दिखाई देते हैं। अभी बृहस्पतिवार को गडकरी ने पुन: पार्किंग प्लाजा बनाए जाने की योजना की चर्चा की, लेकिन उसमें ट्रकों के बजाय कारों की पार्किंग पर ज्यादा जोर है।
बढ़ रहीं सामने से टक्कर
वैसे पार्क किए वाहनों के साथ टक्कर से कई गुना ज्यादा हादसे दो चलते वाहनों के आपस में टकराने के कारण होते हैं। इनमें में आमने-सामने की टक्कर के हादसे सबसे ज्यादा हैं जिनमें दिनोदिन बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2018 के दौरान ऐसे हादसों की संख्या बढ़कर 97,646 हो गई। ये 2017 में हुए इसी प्रकार के 87,068 हादसों के मुकाबले 12.3 फीसद अधिक है।
अवर्गीकृत हादसे भी खूब
रिपोर्ट में टक्कर वाले हादसों को हिट एंड रन, खड़े वाहन से टक्कर, सामने से टक्कर, पीछे से टक्कर, बगल से टक्कर, सुस्थिर वस्तु से टक्कर, कुचलने और वाहन पलटने के अलावा 'अन्य' प्रकार की टक्करों में वर्गीकृत किया गया है। इनमें वे टकराने वाले वे हादसे आते हैं जिनका वर्गीकरण संभव नहीं है। वर्ष 2018 के दौरान इस प्रकार के 79,440 हादसों में 25,192 लोग मारे गए और 75,641 लोग घायल हुए। इससे पहले 2017 में इन हादसों की संख्या और ज्यादा थी। तब 1,30,006 हादसों में 42156 लोग मारे गए थे जबकि 1,18,461 लोग घायल हुए थे।