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Chhattisgarh : हर चौथे दिन एक हाथी की मौत, भाजपा ने खोला मोर्चा, जाने क्‍या लगाए आरोप

छत्तीसगढ़ में हर चौथे दिन हो रही हाथियों की मौत पर व‍िपक्ष ने हमला बोला है। विपक्ष का कहना है कि प्रदेश सरकार हाथियों के संरक्षण में पूरी तरह से नाकाम रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 06:04 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:04 AM (IST)
Chhattisgarh : हर चौथे दिन एक हाथी की मौत, भाजपा ने खोला मोर्चा, जाने क्‍या लगाए आरोप
Chhattisgarh : हर चौथे दिन एक हाथी की मौत, भाजपा ने खोला मोर्चा, जाने क्‍या लगाए आरोप

रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में हर चौथे दिन हो रही हाथियों की मौत पर सियासत गरम हो गई है। हाथी-मानव द्वंद्व को रोकने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन अभी तक परिणाम नकारात्मक ही रहा है। भोजन की तलाश में खानाबदोश हाथी जंगल छोड़ आबादी का रुख न करें, इसके लिए वन विभाग ने पांच साल पहले हाथी-द्वंद्व प्रबंधन की कार्ययोजना बनाई। इस योजना को गजराज परियोजना नाम दिया गया।

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घुसपैठ की घटनाएं बढ़ीं

जंगल में एनीकट, हाथियों को प्रिय पीपल, जामुन व अन्य वनस्पतियां विकसित करने, गजराज वाहन की खरीदी व सोलर फेंसिंग जैसे कई जतन पर करोड़ों फूंक दिए गए लेकिन हाथ लगी सिर्फ नाकामी। आलम ये कि गजराज परियोजना लॉन्च करने के बाद से हाथियों के गांव में घुसपैठ करने की घटनाएं अचानक बढ़ गई। कोरबा वनमंडल तक सीमित हाथी उत्पात की समस्या कटघोरा तक जा पहुंची हैं। अब वहां भी लोगों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया।

विपक्ष ने उठाए सवाल

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार हाथियों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में पूरी तरह से नाकाम है। प्रदेश में वन अमला इस दिशा में सही काम नहीं कर पा रहा है। इसके चलते हाथियों की लगातार मौतें हो रही हैं। प्रदेश में नौ जून से आठ जुलाई तक सात हाथियों की मौत हुई हैं। सरकार को गंभीरता से कठोर कदम उठाते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अब तक सूरजपुर और रायगढ़ में दो-दो, बलरामपुर, धमतरी और कोरबा में एक-एक हाथी की मौत हुई है। सरकार को उधा स्तरीय कमेटी बनाकर जांच करनी चाहिए, ताकि स्पष्ट हो सके कि हाथियों की मौत के पीछे वजह क्या है?

हनी बी ट्रेनिंग, 11 लाख में सोलर फेंसिंग

वर्ष 2018 में खनिज न्यास मद से 13 लाख रुपये खर्च कर उद्यानिकी विभाग ने 100 ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग दी, लेकिन किट खरीदी नहीं की। क्रेडा की मदद से वन विभाग ने वर्ष 2015-16 में 11 लाख खर्च कर 25 किलोमीटर की सोलर फेंसिंग की गई थी। सात गांव में संयंत्र लगाने थे और फेंसिंग से 72 किलोमीटर कवर होना था। 25 किलोमीटर के बाद से दायरा आगे नहीं बढ़ सका।

हाथी ने भैंस को पटक कर मार डाला

छत्तीसगढ़ में बुधवार रात भोजन की तलाश में कुकराडीह पहुंचे दो हाथियों ने गांव की एक बाड़ी में बंधी एक भैंस को पटक-पटक मार डाला। भैंस की आवाज सुनकर मालिक बाड़ी पहुंचे, लेकिन हाथियों को देखकर वह छुप गए। 


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