लॉकडाउन से अनलॉक-3 तक बिजली और पेट्रोलियम की खपत में ऐसे हुआ सुधार, देखें-आंकड़े
देश में बिजली और पेट्रोलियम की खपत में सुधार हो रहा है। इस बात की जानकारी बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप (बीसीजी) की इंडिया इकोनॉमिक मीटर की रिपोर्ट से मिली है।
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/ पीयूष अग्रवाल। देश में बिजली और पेट्रोलियम की खपत में सुधार हो रहा है। इस बात की जानकारी बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप (बीसीजी) की इंडिया इकोनॉमिक मीटर की रिपोर्ट से मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, अनलॉक-3 (1 अगस्त से 31 अगस्त) के बीच बिजली की खपत प्री-कोविड माह (15 मार्च से 24 मार्च) के लगभग बराबर हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के जुलाई माह के मुकाबले इस जुलाई माह में बिजली की खपत में 4 फीसदी और जून माह में 11 फीसदी की कमी आई है। पिछले साल जुलाई में बिजली की खपत जहां 3500 मेगा यूनिट थी, वहीं पहले और दूसरे लॉकडाउन में यह 2900 मेगा यूनिट तक आ गई। हालांकि, अनलॉक-1 में बिजली की खपत में सुधार होना शुरू हुआ और यह 3500 मेगा यूनिट (औसत रोजाना बिजली की खपत) तक पहुंच गई थी। अनलॉक-3 में इसकी खपत 3600 मेगा यूनिट हो गई।
जहां तक पेट्रोलियम उत्पादों के खपत की बात है तो उसमें भी काफी सुधार हुआ है। बीते जुलाई माह के मुकाबले इसमें 3 फीसदी की कमी आई थी, वहीं बीते साल के जून के मुकाबले इस जून माह में इसमें 8 फीसदी की कमी आई। यही नहीं, पेट्रोलियम प्रोडक्शन इंडेक्स में मई माह की तुलना में जून माह में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
क्या कहते हैं इंडस्ट्री एक्सपर्ट
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि मई से बिजली की मांग स्थिर हो रही है। उस समय कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन में ढील दी गई थी, जिससे वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार हुआ। सरकार ने 25 मार्च, 2020 को कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी। इससे वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों के लिए बिजली की मांग में गिरावट आई थी। बिजली की वाणिज्यिक और औद्योगिक खपत घटने की वजह से अप्रैल में मांग में 25 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
ये हैं बिजली मंत्रालय के आंकड़े
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई में बिजली की खपत में गिरावट कम होकर 3.6 प्रतिशत या 112.24 अरब यूनिट (बीयू) रही, जो पिछले साल के समान महीने में 116.48 अरब यूनिट थी। जून में बिजली की खपत 10.93 प्रतिशत घटकर 105.08 अरब यूनिट रही थी, जो जून, 2019 में 117.98 अरब यूनिट थी। इसी तरह, मई में बिजली की खपत 14.86 प्रतिशत घटी। अप्रैल में बिजली की खपत में 23.21 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी।
14.39 मिलियन टन तेल की बिक्री
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के मुताबिक, अगस्त 2020 में 14.39 मिलियन टन रिफाइंड फ्यूल की बिक्री हुई है। यह एक साल पहले की समान अवधि से 16 फीसदी कम है। तेल की बिक्री में साल-दर-साल के आधार पर अगस्त में लगातार छठे साल गिरावट रही। सामान्य तौर पर रिफाइंड फ्यूल की बिक्री को तेल की मांग का संकेत माना जाता है।
जुलाई के मुकाबले 7 फीसदी कम बिक्री
पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मंत्रालय के अधीन पीपीएसी के डाटा के मुताबिक, जुलाई के मुकाबले अगस्त में रिफाइंड फ्यूल की बिक्री 7 फीसदी कम रही है। अप्रैल से अब तक मासिक आधार पर यह सबसे बड़ी गिरावट है। एनर्जी जानकारों का अनुमान है कि 2020 की चौथी तिमाही में देश में तेल की मांग 0.43 मिलियन बैरल प्रतिदिन के आसपास बनी रहेगी।
पेट्रोल की बिक्री 5.3 फीसदी बढ़ी
अगस्त महीने में गैसोलीन या पेट्रोल की बिक्री 5.3 फीसदी बढ़कर 2.38 मिलियन टन रही। जुलाई में 2.26 मिलियन टन पेट्रोल की बिक्री हुई थी। सार्वजनिक परिवहन के बजाए निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ने के कारण अगस्त में पेट्रोल की बिक्री में इजाफा हुआ है। हालांकि, वार्षिक आधार पर अगस्त में पेट्रोल की बिक्री में 7.4 फीसदी की गिरावट रही। मासिक आधार पर नेफ्था की बिक्री में 16.4 फीसदी और बिटुमिन की बिक्री में 18 फीसदी की गिरावट रही है।