DATA STORY: इलेक्ट्रिक कारों से कम होगा उत्सर्जन, शहरों के प्रदूषण पर लगाम लगाने में मिलेगी मदद
भारत में भी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर विजन-2030 रिपोर्ट फाइनेंसिंग इंडिया ट्रांजिशन टू इलेक्ट्रिक व्हीकल पेश की गई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2030 तक 70 फीसद व्यावसायिक वाहन 30 फीसद निजी कार 40 फीसद बस और 80 फीसद दोपहिया और तीन पहिया वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। 2050 तक यातायात से होने वाला उत्सर्जन दोगुना हो जाएगा। लेकिन अगर हम शहरों के वाहनों को इलेक्ट्रिक कर दें तो शहरों में यातायात से होने वाले कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को 70 फीसद तक कम किया जा सकता है। वहीं, इससे शहरों का कुल प्रदूषण भी 50 फीसद तक कम हो जाएगा। वर्ल्ड इकोनॉमी फोरम की नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
डब्ल्यूईएफ के मोबिलिटी इंडस्ट्री एंड सिस्टम इनिसिएटिव के प्रमुख डॉ क्रिस्टोफर वुल्फ ने कहा कि अगर हम शहरों के वाहनों को बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिफाई कर दें तो हम जलवायु परिवर्तन और शहरों की हवा साफ करने की दिशा में कामयाब हो सकते हैं। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए डब्ल्यूईएफ ने हाल में जीरो इमिशन अर्बन फ्लीट नेटवर्क नाम की पहल शुरू की है। इसमें पब्लिक और प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देकर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी। जीरो इमिशन अर्बन फ्लीट नेटवर्क के तहत यूरोप के शहरों में 2025 और 2030 तक क्रमश: 50 फीसद और 100 फीसद वाहन इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य हासिल करने की योजना है।
भारत की तैयारियां
कुछ समय पहले भारत में भी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर विजन-2030 रिपोर्ट फाइनेंसिंग इंडिया ट्रांजिशन टू इलेक्ट्रिक व्हीकल पेश की गई। इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में संभावनाएं तलाशने वाली इस रिपोर्ट को नीति आयोग ने पेश किया। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2030 तक देश के 70 फीसद व्यावसायिक वाहन, 30 फीसद निजी कार, 40 फीसद बस और 80 फीसद दोपहिया और तीन पहिया वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएंगे। इस तरह कुल 102 मिलियन इलेक्ट्रिक वाहन देश में होंगे। इस रिपोर्ट में दो स्थितियों के हिसाब से अनुमान लगाया गया है। पहला, अगर वाहन का विद्युतीकरण तेजी से हो तो नए वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक की हिस्सेदारी 43 फीसद (विजन से 10 फीसद ज्यादा) होगी। वहीं, अगर रफ्तार धीमी रही तो सिर्फ 23 फीसद वाहन इलेक्ट्रिक होंगे, जो विजन से 40 फीसद कम होगा। इसलिए इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ावा देने की जरूरत है।
अपार निवेश के अवसर
फाइनेंसिंग इंडिया ट्रांजिशन टू इलेक्ट्रिल व्हीकल रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों से भारत में 2021 से 2030 के बीच 206 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की संभावना है। इलेक्ट्रिक व्हीकल के ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चर (OEM) में 12,39,800 करोड़, चार्जर इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने में 20,600 करोड़ और बैटरी निर्माण में 85,900 करोड़ का निवेश किया जा सकता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ शेयरिंग को बढ़ाना
इलेक्ट्रिक व्हीकल से संबंधित एक अन्य रिपोर्ट थ्री रिजॉल्यूशन इन अर्बन ट्रांसपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ शेयरिंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक वाहनों की संख्या 2.1 अरब (अनुमानित) होगी। इससे करीब 4600 मेगाटन CO2 का उत्सर्जन होगा। लेकिन यदि इलेक्ट्रिक और ऑटोमेशन को बढ़ावा दिया जाए तो यह प्रदूषण घटकर 1700 मेगाटन रह जाएगा। तीसरी स्थिति में अगर इलेक्ट्रिक और ऑटोमेशन के साथ शेयरिंग को भी बढ़ावा दिया जाए तो सिर्फ 0.5 अरब वाहनों की जरूरत होगी और उत्सर्जन घटकर केवल 700 मेगा टन रह जाएगा।