मध्यप्रदेशः कांग्रेस का 60 लाख बोगस वोटर का दावा निकला फर्जी, भाजपा ने कहा- माफी मांगें
कांग्रेस के 60 लाख फर्जी वोटर के दावे की चुनाव आयोग ने हवा निकाल दी है। जांच के बाद इन आरोपों को गलत पाया गया।
नई दिल्ली [जेएनएन]। मध्यप्रदेश की मतदाता सूची में 60 लाख फर्जी वोटर होने के कांग्रेस के आरोपों को चुनाव आयोग ने गलत बताया है। जांच के बाद चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रदेश की मतदाता सूची में "कुछ असामान्य नहीं" है।
गौरतलब है कि बीते रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मतदाता सूची में गड़बड़ी होने और करीब 60 लाख फर्जी वोटर होने का दावा किया था। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत को भी शिकायत सौंपी थी। शिकायत में भोपाल की नरेला, होशंगाबाद, सिवनी-मालवा और भोजपुर विधानसभा की मतदाता सूची का डाटा भी दिया था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने जांच दल गठित कर मध्यप्रदेश रवाना किया
जांच के बाद सही नहीं निकला दावा
जांच-पड़ताल के बाद चुनाव आयोग ने शिकायत के तथ्यों को खारिज कर दिया और कहा कि ये पुरानी मतदाता सूची के आधार पर हैं। इसके साथ ही आयोग ने यह भी साफ कर दिया कि एक जैसे चेहरे वाले कई एंट्री होने के जो आरोप हैं उन पर आयोग पहले से काम कर रहा है। आयोग के सचिव राहुल शर्मा ने शुक्रवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को शिकायत का जवाब देते हुए कहा कि एक ही चेहरे के कई मतदाता, कई विधानसभा क्षेत्रों में एक ही नाम जैसे मामले पर आयोग पहले से कार्रवाई कर रहा है। हमने शिकायत पर जो मैदानी स्तर से सबूत एकत्र किए हैं और जो डाटा जुटाया है, उससे साफ है कि जो दावा किया गया था, वो सही नहीं है। फर्जी एंट्री हुई है, यह बिलकुल भी सही नहीं है। आयोग के पास एक जैसी एंट्री नाम, लिंग, रिश्ता, आयु और समान नाम की जांच के लिए अच्छा खासा तंत्र है।
कई लोगों के नाम हो सकते हैं एक जैसे
आयोग ने कहा कि कई लोगों के नाम एक जैसे हो सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई गड़बड़ी है। आयोग हमेशा से इस बात को लेकर सक्रिय रहा है कि मतदाता सूची पारदर्शी तरीके से बने। आयोग ने कहा कि यदि आप के पास कुछ और जानकारी है तो बता दें ताकि मैदानी स्तर पर परीक्षण करा लें।
कुछ असामान्य नहीं
चुनाव आयोग ने अपने जवाब में यह भी कहा कि प्रदेश की आबादी और मतदाताओं की संख्या को लेकर जो आरोप लगाए थे, वे भी सही नहीं हैं। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। 2008 में आबादी और मतदाता का अनुपात 52.76 प्रतिशत था जो 2018 में बढ़कर 61.45 प्रतिशत हो गया। मौजूदा मतदाता सूची में कोई विवादित चीज नहीं है। यही बात मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह ने भी कही थी।
जांच के लिए पर्याप्त नहीं डाटा
आयोग ने यह भी कहा कि शिकायत के साथ जो डाटा दिया गया वो जांच के लिए पर्याप्त नहीं है। दो-तीन पैमाने पर शिकायत की गई है। फिर भी हमने मध्यप्रदेश की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को बोला है कि वे बड़े पैमाने पर शिकायत के आधार पर सत्यापन कराएं। इसमें जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसकी जानकारी भी दे देंगे।
कांग्रेस की साजिश उजागर, माफी मांगे
वहीं, चुनाव आयोग की जांच रिपोर्ट के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की साजिश उजागर हो गई है। कांग्रेस को चाहिए कि वो अब माफी मांगे।