Move to Jagran APP

वीवीपैट की जांच: चुनाव आयोग की टीम रवाना

उपचुनाव में इस्तेमाल की गई वीवीपैट मशीनों की खराबी के बाद राजनीतिक दलों के निशाने पर आया चुनाव आयोग अब इसकी असलियत परखने में जुट गया है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 03:23 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 03:23 PM (IST)
वीवीपैट की जांच: चुनाव आयोग की टीम रवाना
वीवीपैट की जांच: चुनाव आयोग की टीम रवाना
नई दिल्ली (ब्यूरो)। हाल ही में हुए उपचुनाव में इस्तेमाल की गई वीवीपैट मशीनों की खराबी के बाद राजनीतिक दलों के निशाने पर आया चुनाव आयोग अब इसकी असलियत परखने में जुट गया है। चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। आयोग ने उत्तर प्रदेश के कैराना और महाराष्ट्र के भंडारा--गोंदिया में अपनी दो टीमें भेजी हैं ताकि वीवीपैट मशीनों में खराबी और खामी के मामले सामने आने के कारणों का पता लगाया जा सके। इस मामले में रिपोर्ट पांच जून तक सौंपे जाने की संभावना है।

वीवीपैट और ईवीएम में खराबी के कारण मतदान में घंटों की देरी होने के बाद कैराना के 74 मतदान केंद्रों और भंडारा-गोंदिया के पांच विधानसभा क्षेत्रों के 49 मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान के आदेश दिए गए थे। सूत्रों ने बताया कि इन टीमों में ईसीआईएल और बीईएल के सदस्य भी होंगे। ईसीआईएल और बीईएल दो ऐसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हैं जो ईवीएम और वीवीपैट मशीन बनाती हैं।

वीवीपैट मशीन खराब होने की शिकायतों ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल ख़़डे कर दिए हैं, जिसके कारण अब आयोग इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर रहा है। शुक्रवार को ही इस मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वरलु और भारतीय निर्वाचन आयोग के दो अधिकारी सहारनपुर सर्किट हाउस पहुंच गए। जांच टीम विधानसभा क्षेत्र में तैनात सीडीओ, एसडीएम, आरओ, एआरओ, ईसीआईएल कंपनी के इंजीनियरों और अन्य अफसरों से मुलाकात करेगी।

बताया जा रहा है कि जांच टीम बयान लेने के लिए सारे जोनल मजिस्ट्रेट और पीठासीन अधिकारियों से भी मिल सकती है। पिछले कुछ समय में चाहे कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषषणा चुनाव आयोग से पहले सोशल मीडिया पर जारी होने का मामला हो या गुजरात और हिमाचल के चुनाव लंबे अंतराल पर कराने का निर्णय, या फिर दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने और बाद में हाई कोर्ट से उनकी सदस्यता बहाल होने का मसला हो, चुनाव आयोग के फैसलों पर सवाल उठे हैं।

विपक्षी पार्टियों ने आयोग को कठघरे में ख़़डा किया है। इन घटनाओं से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली यह संवैधानिक संस्था सवालों के कठघरे में है। साथ ही इस संस्था से पूर्व में जु़़डे रहे अधिकारियों का ध्यान भी खींचा है। देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों की राउंड टेबल बैठक में भी आयोग की छवि को लेकर चर्चा की गई थी। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने आयोग को सलाह दी कि वह अपनी छवि से जु़़डे इन सवालों की गहराई में जाए और तत्काल इसका समाधान करे।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.