Corona virus: चीन को कपास निर्यात पर कोरोना वायरस का असर
चीन में किए जा रहे आपातकालीन उपायों का आर्थिक गतिविधियों पर असर होने लगा है और यह भारत से सूती धागे की मांग को भी प्रभावित करेगा।
इंदौर, नई दुनिया। कोरोना वायरस की वजह से फरवरी में भारत से चीन को होने वाले पांच लाख गांठ कपास के निर्यात पर असर की आशंका है। भारत से फाइन कॉटन आयात के मामले में यूरोप के बाद चीन सबसे बड़ा खरीदार है। भारत से इस सीजन में अब तक 20 लाख गांठ (170 किलो प्रत्येक) कपास का निर्यात चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया और बांग्लादेश तक हो चुका है।
भारत ने बांग्लादेश को 12 लाख गांठ और चीन को 4 लाख गांठ कपास का निर्यात किया है। चीन में किए जा रहे आपातकालीन उपायों का आर्थिक गतिविधियों पर असर होने लगा है और यह भारत से सूती धागे की मांग को भी प्रभावित करेगा। 'कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया' ने चालू सीजन के लिए भारत से कुल कपास निर्यात का अनुमान 42 लाख गांठ लगाया था। भारतीय कपास के मौजूदा सीजन में उत्पादन बढ़ने और कमजोर निर्यात इसके भाव में गिरावट की वजह बनते जा रहे हैं।
देशभर में इसके भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य ([एमएसपी)] से 300 से 500 रपए प्रति क्विंटल नीचे बने हुए हैं। कीमतों में कमी के चलते यार्न निर्यात में पिछले महीने कुछ सुधार हुआ था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते फिर इस पर प्रतिकूल असर की आशंका है। अब तक भारत से कपास का निर्यात रपए में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमतों से मजबूत हुआ है।
तेजी की संभावना कम कॉटन एसोसिएशन के प्रमुख अतुल गणात्रा के अनुसार चीन में वायरस का प्रकोप जब तक कम नहीं हो जाता है, कीमतें बढ़ने की संभावना नहीं है। कीमत में कमी की स्थिति में यदि कॉटन कॉरर्पोरेशन ऑफ इंडिया अतिरिक्त कपास खरीद शुरू करेगा तो बाजार को सपोर्ट मिल सकता है। उनके अनुसार पिछले एक हफ्ते में अंतरराष्ट्रीय कपास की कीमतों में 3-5 फीसदी कमी आई है और घरेलू कीमतों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है।