शिक्षण संस्थाओं की भी होगी स्वच्छता रैंकिंग, यूजीसी ने निर्देश दिए
देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की पढ़ाई-लिखाई के साथ अब साफ-सफाई की भी रैकिंग की जाएगी।
अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की पढ़ाई-लिखाई के साथ अब साफ-सफाई की भी रैकिंग की जाएगी। मानव संसाधन मंत्रालय ने इसे लेकर एक स्वच्छता प्रोग्राम जारी किया है। इसके तहत देशभर के सभी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों की एक स्वच्छता रैकिंग तय की जाएगी। फिलहाल इसका निर्धारण विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों के कैंपस, कैंटीन और छात्रावासों की स्वच्छता आदि के आधार पर होगी। मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देश के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वच्छता रैकिंग से जुड़े इस प्रोग्राम में शामिल होने के निर्देश दिए है।
यूजीसी ने प्रोग्राम में शामिल होने के लिए 30 जुलाई की अंतिम तिथि भी तय की है। साथ ही देश भर के सभी विश्वविद्याल और कॉलेजों से निर्धारित मानक के तहत मंत्रालय को जानकारी देने को कहा है। यूजीसी के सचिव प्रोफेसर जसपाल एस संधू ने इस संबंध में विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए है। विश्वविद्यालय और कॉलेजों की रैंकिंग फिलहाल उनके पठन पाठन की प्रगति के आधार पर की जाती रही है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा के बाद सभी विभागों में इसे प्राथमिकता दी जा रही है। इन आधारों पर तैयार होगी स्वच्छता रैकिंग यूजीसी ने विवि सहित दूसरे उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वच्छता रैकिंग तक करने के लिए जो आधार तय किया है, उसके तहत इसके छात्रावासों, एकेडिम बिल्डिंग, टायलेट कंडीशन और जल निकासी आदि व्यवस्था को शामिल किया गया है। इसके साथ ही कैंटीन और छात्रावासों की किचेन के खाना बनाने और उसके रख रखाव के इंतजामों को भी जांचा जाएगा।
यह पूरी रैकिंग 100 अंको की होगी। इनमें 85 अंक सिर्फ कॉलेजों के छात्रावास, परिसर और किचेन जैसे विषयों से ही जुडे होंगे। जबकि बाकी के 15 अंक इन संस्थानों की बाहरी गतिविधियों से जुडे होंगे। यानि वह आस-पास के गांवों या मोहल्ले में स्वच्छता अभियान चला रहे है। आदि। सितंबर में जारी होगी रैकिंग, अच्छा करने वाले संस्थान होंगे पुरस्कृतमंत्रालय की योजना के मुताबिक जो विवि या कॉलेज इस दौरान स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर पाए जाएंगे या रैकिंग में अव्वल रहेंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही संस्थानों के इस अच्छे कामों को प्रमोट भी किया जाएगा। फिलहाल संस्थानों के आवेदन मिलने के बाद इन सभी के दावों की अगले महीने एक टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। रैकिंग की फाइनल सूची सितंबर 2017 के पहले हफ्ते जारी की जाएगी।