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आतंकी फंडिंग से बनीं मस्जिदों व मदरसों पर गिर सकती है गाज, NIA ने शुरू की जांच

ईडी की जांच शुरू होने के बाद आतंकी फंडिंग से बने मदरसों और मस्जिदों की संपत्ति को जब्त करने का रास्ता साफ हो गया है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 10:20 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 02:50 PM (IST)
आतंकी फंडिंग से बनीं मस्जिदों व मदरसों पर गिर सकती है गाज, NIA ने शुरू की जांच
आतंकी फंडिंग से बनीं मस्जिदों व मदरसों पर गिर सकती है गाज, NIA ने शुरू की जांच

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मस्जिदों और मदरसों की फंडिंग के आरोपितों के खिलाफ मनी लांडिंग का शिकंजा कस गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जांच शुरू की है। ईडी की जांच शुरू होने के बाद आतंकी फंडिंग से बने मदरसों और मस्जिदों की संपत्ति को जब्त करने का रास्ता साफ हो गया है।

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पिछले साल सितंबर में आतंकी फंडिंग के माड्यूल का हुआ पर्दाफाश

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत ईडी को काली कमाई से बनाई गई किसी भी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार है। दरअसल, पिछले साल सितंबर में एनआइए ने देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी फंडिंग के माड्यूल का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के दौरान पता चला था कि आतंकी फंडिंग का यह जाल सिर्फ कश्मीर में आतंकियों को धन मुहैया कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा मस्जिदों और मदरसों के जरिए देश में कट्टरता फैलाने की भी साजिश कर रहा है।

पलवल के गांव की मस्जिद का इमाम भी हुआ था गिरफ्तार

आतंकी फंडिंग के लिए गिरफ्तार मुहम्मद सलमान हरियाणा के पलवल जिले के एक गांव की मस्जिद का इमाम भी है। पूछताछ में सलमान ने स्वीकार किया कि आतंकी फंडिंग के पैसे का इस्तेमाल उसने मस्जिद और मदरसा बनाने में किया था। इसके बाद एनआइए ने मस्जिद की तलाशी भी ली थी और कई दस्तावेज भी बरामद किए थे। दैनिक जागरण ने 16 अक्टूबर को ही टेरर फंडिंग में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने की तैयारी के बारे में खबर दी थी।

हाफिज सईद के संगठन का हाथ

दरअसल, लश्कर-ए-तैयबा सरगना और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद फलाह-ए-इंसानियत के माध्यम से आतंकी फंडिंग कर रहा था। फलाह-ए-इंसानियत भी लश्कर का मुखौटा संगठन है और संयुक्त राष्ट्र ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। जांच एजेंसियों की नजर से बचने के लिए आतंकी फंडिंग के जरिए दुबई में रहने वाले फलाह-ए-इंसानियत से जुड़े एक पाकिस्तानी का इस्तेमाल किया जाता था। यह पाकिस्तानी एक ओर निजामुद्दीन में रहने वाले मुहम्मद सलमान को हवाला व अन्य माध्यम से लाखों रुपये भेजता और साथ ही वह पाकिस्तान स्थित फलाह-ए-इंसानियत के डिप्टी चीफ के साथ लगातार संपर्क में था। एनआइए ने मुहम्मद सलमान के साथ सलाह-ए-इंसानियत की ओर पैसे मंगाने वाले हवाला ऑपरेटर दरियागंज के मुहम्मद सलीम उर्फ मामा और श्रीनगर के अब्दुल राशिद को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के ठिकानों पर मारे गए छापे में एक करोड़ 56 रुपये नकद, 43 हजार रुपये की नेपाली मुद्रा, 14 मोबाइल फोन और पांच पेन ड्राइव बरामद हुए थे।


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