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जाकिर नाइक के खिलाफ मनी लांड्रिंग की चार्जशीट दाखिल, दुबई और ब्रिटेन में है दर्जनों कंपनियां

2012 से 2016 के बीच जाकिर नाइक ने अपने दुबई के एकाउंट से मुंबई के निजी एकाउंट में 49.20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया लेकिन दुबई में इस कमाई का स्त्रोत अज्ञात है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 09:11 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 09:11 PM (IST)
जाकिर नाइक के खिलाफ मनी लांड्रिंग की चार्जशीट दाखिल, दुबई और ब्रिटेन में है दर्जनों कंपनियां
जाकिर नाइक के खिलाफ मनी लांड्रिंग की चार्जशीट दाखिल, दुबई और ब्रिटेन में है दर्जनों कंपनियां

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। धार्मिक कट्टरता फैलाने के आरोपी विवादित उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ मनी लांड्रिंग का शिकंजा और ज्यादा कस गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग के आरोप में जाकिर नाइक के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। ईडी अभी तक अवैध तरीके से की कमाई से देश-विदेश में बनाई गई 193 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों का पता लगाने में सफल रही है, इनमें से 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

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ईडी एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मनी लांड्रिंग के आरोप में जाकिर नाईक के खिलाफ पहली बार मुंबई की विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। आरोपपत्र में सबूतों को साथ बताया गया है कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने की आड़ में जाकिर नाईक किस तरह करोड़ों रुपये की मनी लांड्रिंग कर रहा था। इसके लिए जाकिर नाईक ने भारत, दुबई और ब्रिटेन समेत कई देशों में दर्जनों कंपनियां बना रखी थी। सीधे कर पकड़े जाने के डर से वह इन कंपनियों में अपने करीबियों और रिश्तेदारों को निदेशक बना रखा था।

एक कंपनी से दूसरी कंपनी से होते हुए करोड़ों रुपये जाकिर नाइक के पास पहुंचते थे और उससे वह परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्तियां खरीदता था। यहां तक कि दुबई में उसने एक मंहगे बंगले तैयार कर बेचने के धंधे में भी काफी धन लगाया गया था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल उसके भारत स्थित संपत्तियों को जब्त किया गया है, विदेश स्थित संपत्तियों की जांच की जा रही है और उन्हें जब्त करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

ईडी के आरोपपत्र के अनुसार जाकिर नाइक के अधिकांश विवादित भाषण 2007 से 2011 के बीच 10 दिन के पीस कांफ्रेंस के दौरान दिये गए थे, जिसका आयोजन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) करता था। इन भाषणों को रिकार्ड कर एडिट करने का अधिकार के लिए उसने हारमोनी मीडिया के नाम से अलग कंपनी बना रखी थी। हारमोनी मीडिया इन भाषणों को दुबई के ग्लोबल ब्रोडकास्ट काॅॅरपोरेशन नाम कंपनी को बेचता था, जो जाकिर नाइक की ही दूसरी कंपनी थी।

इसके बाद इन भाषणों का डीवीडी बनाकर आम जनता में बांटा जाता था। ईडी की जांच से पता चला कि पीस कांफ्रेंस आयोजित करने वाले आइआरएफ के पास 2003-04 से 2016-17 तक दुबई से 64.86 करोड़ रुपये आए थे, जिनके स्त्रोत संदिग्ध हैं। इसके साथ ही पीस कांफ्रेस के दौरान लोगों से बड़ी मात्रा में दान करने की अपील की जाती थी। बाद में इस धन को अलग-अलग निवेश किया जाता था। ईडी ने इस पैसे से चेन्नई में 6.2 करोड़ की एक स्कूल बिल्डिंग खरीदने और 9.41 करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश करने के सबूत मिले हैं। जाहिर है ईडी इन्हें जब्त कर चुका है।

2012 से 2016 के बीच जाकिर नाइक ने अपने दुबई के एकाउंट से मुंबई के निजी एकाउंट में 49.20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया, लेकिन दुबई में इस कमाई का स्त्रोत अज्ञात है। मनी लांड्रिंग के मार्फत आए धन से जाकिर नाइक मुंबई में पत्नी, बहन, बेटा, भतीजा के नाम पर करोड़ों रुपये संपत्ति खरीदता रहा।

गौरतलब है कि एनआइए पहले ही गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत जाकिर नाइक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह फिलहाल मलेशिया में छुपा हुआ है। लेकिन एनआइए इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। पिछले दिनों इंटरपोल में जाकिर नाइक के खिलाफ सबूतों की समीक्षा की गई थी और माना जा रहा है कि जल्द ही उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हो जाएगा।


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