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लोढ़ा के हवाला नेटवर्क का पता लगाने में जुटा ईडी

लोढ़ा के मोबाइल फोन और कंप्यूटर से उसके राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संपर्को के बारे में अहम जानकारी मिली है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 23 Dec 2016 09:22 PM (IST)Updated: Fri, 23 Dec 2016 09:42 PM (IST)
लोढ़ा के हवाला नेटवर्क का पता लगाने में जुटा ईडी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय नोटबंदी के नटवरलाल पारसमल लोढ़ा के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है। लोढ़ा के मोबाइल फोन और कंप्यूटर से उसके राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संपर्को के बारे में अहम जानकारी मिली है।

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ईडी अधिकारी इसकी जांच कर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, कौन-कौन लोग इसके हवाला रैकेट में शामिल हैं और नोटबंदी के बाद उन्होंने कितने करोड़ रुपये के पुराने नोटों को नए नोटों में बदला। दूसरी ओर सीबीआइ ने पुणे में 25 करोड़ की नकदी बरामद के मामले में वैद्यनाथ अरबन कोआपरेटिव बैंक के अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पारसमल लोढ़ा अपने हवाला नेटवर्क के बारे में ज्यादा खुलकर नहीं बता रहा है। लेकिन उसने नोटबंदी के बाद सात करोड़ रुपये के पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने की बात स्वीकार की है। इन्हें उसने दिल्ली के वकील रोहित टंडन और चेन्नई के बालू माफिया शेखर रेड्डी को दिया था। रोहित टंडन के पास से 2.6 करोड़ रुपये के नए नोट मिले थे, जबकि शेखर रेड्डी के यहां से 34 करोड़ रुपये के नए नोट बरामद किये गए थे।

इससे नए नोटों को बदलने के धंधे में पारसमल लोढ़ा की तरह दूसरे कई और नटवरलाल के सक्रिय होने को आशंका को बल मिलता है। सीबीआइ और ईडी मिलकर इन नटवरलालों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। शेखर रेड्डी जहां सीबीआइ की हिरासत में है, वहीं पारसमल लोढ़ा ईडी की हिरासत में। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों एजेंसियां रियल टाइम में सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रही है। इस मामले में अगले कुछ दिनों में कई दूसरे लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है।

वहीं सीबीआइ ने वैद्यनाथ अरबन कोआपरेटिव बैंक के दो अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज महाराष्ट्र में कुल 40 स्थानों पर छापा मारा। पिछले दिनों पुणे में एक बार से 25 करोड़ रुपये के नकद मिले थे, जिनमें 10 लाख रुपये के 2000 के नए नोट भी शामिल थे। जांच से पता चला कि इस मामले वैद्यनाथ अरबन कोआपरेटिव बैंक के अधिकारी शामिल है।

आरोप है कि वैद्यनाथ अरबन कोआपरेटिव बैंक के बीड स्थित मुख्यालय से 19 नवंबर को 25 करोड़ रुपये घाटकोपर स्थित ब्रांच नए नोट में बदलने के उद्देश्य से भेजा गया था। सीबीआइ यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कोआपरेटिव बैंक में जमा यह रकम किसकी थी और इसे बदलने के लिए नए नोटों की सप्लाई कहां से हो रही थी। जांच एजेंसी ने 11 शहरों में 40 स्थानों पर मारे गए छापे में अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है।

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