ईडी ने डीसीएचएल, पूर्व प्रवर्तकों की 122 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया
नई दिल्ली हैदराबाद गुरुग्राम चेन्नई बेंगलुरु और कुछ अन्य स्थानों पर डीसीएचएल एवं इसके पूर्व प्रवर्तकों टी वेंकटराम रेड्डी टी विनायकरवि रेड्डी और उनके द्वारा बनाई गई एक बेनामी कंपनी की संपत्तियों को अटैच करने का काम किया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड (डीसीएचएल) और इसके पूर्व प्रवर्तकों की 122 करोड़ की संपत्ति अटैच की है। ईडी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत यह कार्रवाई की गई है। नई दिल्ली, हैदराबाद, गुरुग्राम, चेन्नई, बेंगलुरु और कुछ अन्य स्थानों पर डीसीएचएल एवं इसके पूर्व प्रवर्तकों टी वेंकटराम रेड्डी, टी विनायकरवि रेड्डी और उनके द्वारा बनाई गई एक बेनामी कंपनी की संपत्तियों को अटैच किया गया है।
ईडी ने दावा किया कि कंपनी फिलहाल कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया में है। लेकिन, राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण (एनसीएलटी) का निर्णय आने तक अटैच की गई संपत्ति को इससे बाहर रखा गया है। ईडी ने कहा कि एनसीएलटी ने सिर्फ 400 करोड़ रुपये की समाधान प्रक्रिया को मंजूरी दी है। डीसीएचएल और इसके तत्कालीन प्रवर्तकों द्वारा कुल 8,180 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।
ईडी ने फेमा उल्लंघन के मामले में जब्त की द्रमुक सांसद की संपत्ति
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन मामले में द्रमुक सांसद गौतम सिगमणि की लगभग 8.6 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। ईडी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, फेमा की धारा 37-ए के प्रावधानों के तहत गौतम सिगमणि की तमिलनाडु स्थित अचल संपत्ति-कृषि भूमि, व्यावसायिक और आवासीय परिसरों एवं चल संपत्ति- बैंक में जमा राशि और प्रतिभूति सहित कुल 8.6 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेंसी ने जब्त कर ली है।
फेमा की धारा 37-ए के तहत ईडी को विदेशी विनिमय के बराबर मूल्य की भारत में स्थित किसी व्यक्ति की संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार है। एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि जब्त की गई संपत्ति का मूल्य विदेश में अवैध रूप से अíजत प्रतिभूतियों तथा आज की तारीख तक विदेश से वापस न लाए गए अíजत लाभ के मूल्य के बराबर है।