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कोरोना संकट के समय भारतीय सेना देशवासियों की मदद के लिए आगे आई, कहा- हर हाल में जीतना है यह यु्द्ध

देश में कोरोना संकट की इस घड़ी में भारतीय सेना एक बार फिर देशवासियों के बचाव में सामने आई है। सेना ने जगह- जगह अस्पताल बनाने से लेकर विदेश से आक्सीजन से भरे क्रायोजेनिक कंटेनर लाने के लिए विशेष अभियान में जुटी हुई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 02:18 PM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 02:41 PM (IST)
कोरोना संकट के समय भारतीय सेना देशवासियों की मदद के लिए आगे आई, कहा- हर हाल में जीतना है यह यु्द्ध
इस बारे में जानकारी देती हुईं एकीकृत रक्षा स्टाफ (मेडिकल) की उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर

नई दिल्ली, एएनआइ। देश में कोरोना संकट की इस घड़ी में भारतीय सेना एक बार फिर देशवासियों के बचाव में सामने आई है। सेना जगह- जगह अस्पताल बनाने से लेकर विदेश से आक्सीजन से भरे क्रायोजेनिक कंटेनर लाने के लिए विशेष अभियान में जुटी हुई है। इस बारे में जानकारी देती हुईं एकीकृत रक्षा स्टाफ (मेडिकल) की उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर ने कहा कि सेना ने कोरोना संकट के समय 14 रेलवे कोच प्रदान किए हैं जो आमतौर पर ऑक्सीजन टैंकरों के परिवहन के लिए सैन्य सामान के परिवहन के लिए उपयोग किए जाते हैं।

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हमने कुछ चीजें की हैं। सबसे पहले लॉजिस्टिक प्वाइंट पर तीन सशस्त्र बल मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ के तहत एक तालमेल बल के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान में सेना को सहायता करने के लिए नर्सिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। वे प्रशिक्षित सैनिक हैं, लेकिन अब डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की मदद कर रहे हैं। । उन्होंने 200 ट्रक ड्राइवरों को भी सहायता  प्रदान किया है, जो ऑक्सीजन टैंकरों को स्थानों पर ले जा रहे हैं। 

भारतीय वायुसेना ने कई उड़ानें भरीं 

भारतीय वायुसेना ने सिंगापुर, दुबई से ऑक्सीजन टैंकर लाते हुए आंतरिक और बाह्य रूप से कई उड़ानें भरी हैं। उसके बाद पिछले 2 दिनों में उन्होंने खाली टैंकरों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए उड़ानें भरी हैं, फिर उन्हें ऑक्सीजन से भरा गया है। उन्होंने कहा कि संकट के समय सशस्त्र बल एक साथ हैं। हम इसे को जीत (Co-Jeet) कहते हैं। क्योंकि हमें कोविड पर यह युद्ध जीतने की जरूरत है। हमें यह युद्ध हर हाल में जीतना है। सभी सशस्त्र बल इस मौके एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। 

पीएम मोदी के साथ सीडीएस और आर्मी चीफ की बैठकों के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर ने कहा कि संकट के समय सशस्त्र बल इकट्ठा हुए हूं। हम देशवासियों को आश्वस्त करते हैं कि जरूरत के समय सशस्त्र बल हर संभव मदद करेंगे। हम राष्ट्र का हिस्सा हैं। हमें साथ काम करने के लिए दिशा-निर्देश आए हैं और जितना संभव होगा, उतना काम करेंगे।

विदेश से आक्सीजन लाने के लिए भारतीय नौसेना के पोत रवाना

देश में कोरोना संकट के बीच भारतीय नौसेना एक बार फिर देशवासियों के बचाव में सामने आई है। नौसेना ने विदेश से आक्सीजन से भरे क्रायोजेनिक कंटेनर लाने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की है। कोरोना संक्रमण के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी से इस समय देश में आक्सीजन की भारी किल्लत है। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना के युद्धक पोत शुरू में बहरीन, सिंगापुर और थाईलैंड से आक्सीजन लेकर आ रहे हैं। 

बहरीन में मनामा बंदरगाह पर पहुंच चुके हैं दो पोत 

उन्होंने बताया कि दो पोत आइएनएस कोलकाता और आइएनएस तलवार बहरीन में मनामा बंदरगाह पर पहुंच चुके हैं। ये 40 मीट्रिक टन तरल आक्सीजन लेकर मुंबई लाएंगे। एक अन्य पोत आइएनएस जलाश्व बैंकाक रवाना हो गया है जबकि आइएनएस ऐरावत इसी मिशन के तहत सिंगापुर जा रहा है। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवल ने बताया कि नौसेना ने आक्सीजन लाने के लिए समुद्र सेतु द्वितीय अभियान शुरू किया है। पिछले साल लाकडाउन के कारण विदेश में फंसे लोगों को लाने के लिए नौसेना ने वंदेभारत अभियान के तहत समुद्र सेतु अभियान चलाया था। 


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