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छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर आदिवासियों के बीच विवाद, 13 घायल; 40 गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में बस्तर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बीजापुर में गुरुवार की सुबह एक चर्च में गांव के लोगों ने हमला कर दिया। हमले में 13 आदिवासी घायल, 40 लोगों पर FIR दर्ज।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 12:31 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर आदिवासियों के बीच विवाद, 13 घायल; 40 गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर आदिवासियों के बीच विवाद, 13 घायल; 40 गिरफ्तार

बीजापुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में बस्तर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बीजापुर में गुरुवार की सुबह एक चर्च में गांव के लोगों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने चर्च में प्रार्थना कर रहे 13 आदिवासियों की बेरहमी से पिटाई कर दी। चर्च पर हमला करने वाले भी स्थानीय गांव के आदिवासी ही हैं, जो समुदाय के अन्य लोगों द्वारा इसाई धर्म स्वीकार करने से नाराज थे।

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हमले में 13 लोग घायल
मिली जानकारी के मुताबिक, बीजापुर जिले के बेदरे थाना क्षेत्र के गांव करकेली स्थित चर्च में रविवार की सुबह प्रार्थना चल रही थी। इसी दौरान ग्रामीणों की भीड़ ने वहां पहुंची और जबरदस्ती चर्च में घुस गई। गुस्साई भीड़ ने प्रार्थना कर रहीं महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों पर ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया। इस घटना में 13 लोगों को गंभीर चोटें आईं। सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, घटना में घायलों हुए लोगों की हालत अब खतरे से बाहर है।

40 लोगों पर FIR दर्ज
इस घटना के बाद गुरुवार को 40 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई और स्थानीय पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। इसाई समुदाय के लोग घटना से आक्रोशित हैं। मारपीट करने वाले लोग इस बात से गुस्से में थे कि वे अपनी आदिवासी संस्कृति और देवी-देवताओं की उपासना छोड़ कर किसी अन्य देवता की प्रार्थना क्यों कर रहे हैं, जबकि यह बात संविधान के मुताबिक किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है।

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण बड़ा मुद्दा 
दरअसल, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा लंबे समय से ही रहा है। यहां अंग्रेजों के समय से ही इसाई मिशनरी धर्म प्रचार के लिए आए और आदिवासी समुदाय के लोगों का धर्मांतरण कराया। यह धर्मांतरण लोगों ने अपनी स्वेच्छा से स्वीकार किया। यह उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का विषय रहा है, लेकिन धर्मांतरण को लेकर आदिवासियों के बीच ही मतभेद है। अपनी संस्कृति को लेकर काफी गंभीर रहने वाले आदिवासी नहीं चाहते कि उनके समुदाय के लोग अपने पारंपरिक देवी-देवताओं को छोड़कर किसी और ईश की आराधना करें। राज्य के उत्तरी सरगुजा संभाग में जशपुर और अम्बिकापुर इसाई मिशनरीज का प्रमुख केंद्र है। वहीं, दक्षिण छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी बीजापुर, जगदलपुर और सुकमा में बड़ी संख्या में इसाई समुदाय के लोग लंबे समय से रह रहे हैं।
 


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