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Durga Puja 2020: कोरोना के चलते बंगाल के इतिहास में पहली बार नहीं होगी सिंदूर खेला की रस्म

Durga Puja 2020 LIVE Updateदुर्गा पूजा बंगाल में बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाने का रिवाज है। यहां पर प्रत्येक वर्ष सिंदुर खेला की रस्म भी अदा की जाती है लेकिन कोरोना के चलते इस रस्म को अदा नहीं किया जाएगा। जानें क्या होती है सिंदूर खेला रस्म।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:10 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 02:49 PM (IST)
Durga Puja 2020: कोरोना के चलते बंगाल के इतिहास में पहली बार नहीं होगी सिंदूर खेला की रस्म
देशभर में आज नवरात्र का सातवां दिन, मां कालरात्रि की होगी पूजा-अर्चना।

नई दिल्ली, जेएनएन।Durga Puja 2020 LIVE Update: देशभर में आज नवरात्र का सातवां दिन है। महाशक्ति मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर दिग्गजों ने इस पावन अवसर पर बधाई दी है। बंगाल, बिहार समेत देश के कई हिस्सों में दुर्गा पूजा शुरू हो गई है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, शारदीय नवरात्रि के समय में ही दुर्गा पूजा का उत्सव भी मनाया जाता है।

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सिंदुर खेला रस्म

दुर्गा पूजा बंगाल में बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाने का रिवाज है। यहां पर प्रत्येक वर्ष सिंदूर खेला की रस्म भी अदा की जाती है, लेकिन कोरोना के चलते इस रस्म को अदा नहीं किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि 9 दिन मायके में रहने के बाद मां अपने ससुराल जाती हैं, इसके पूर्व महिलाएं पान के पत्ते में सिंदूर डालकर मां की मांग भरती है। उसके बाद वही सिंदूर वे एक-दूसरे को लगाती है। दुर्गापूजा के पूरे 9 दिन में यह रस्म सबसे खूबसूरत होती है जिसके साथ भावनात्मक रूप से सभी ​जुड़े होते हैं।

दुर्गाउत्सव फोटो प्रतियोगिता

दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने दुर्गोत्सव फोटो प्रतियोगिता शुरू की है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आपको पूजा पोशाक में फोटो शेयर करने के साथ-साथ दुर्गा पूजा के महत्व के बारे में अपने विचार बताने होंगे।

'नवप्रीतिका' की पूजा के लिए इकट्ठा हुए भक्त

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों के सदस्यों ने महासप्तमी के अवसर पर 'नवप्रीतिका' की पूजा करने के लिए इकट्ठा हुए। सैंथिया शहर में विजय घाट पर भक्तों ने पूजा की।

 

17 अक्टूबर से शुरू हुए थे नवरात्र

शारदीय नवरात्रि का आरंभ 17 अक्टूबर से हुआ था, जो कि 25 अक्टूबर को समाप्त होंगे। प्रत्येक वर्ष पड़ने वाले इन नवरात्र पर सभी भक्तों को अष्टमी, नवमी और दशहरा को लेकर उत्सुकता बनी रहती है। तो आइये जनाते हैं कि किस दिन महाअष्टमी मनाई जाएगी। तो इसी के साथ हम नवमी और दशहरा की भी सही तिथि की जानकारी देंगे। 

महाअष्टमी कब है

इस साल अष्टमी ति​थि का प्रारंभ 23 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है, जो अगले दिन 24 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इस वर्ष महाअष्टमी का व्रत 23 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है। यानी जो भक्त नवरात्र में पहला और आखिरी व्रत रखते हैं वह 23 अक्टूबर को व्रत रख सकते हैं क्योंकि अष्टमी के दिन व्रत रखना उत्तम माना जाता है। इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है। 

नवमी कब है

भक्तों में नवमी को लेकर भी उत्सुक बनी रहती है। इस बार नवमी तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 58 से हो रहा है, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। ऐसे में आपको महानवमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखना है। महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। ऐसे में विजयादशमी या दशहरा का पर्व 25 अक्टूबर दिन रविवार को मनाया जाएगा।

नवरात्रि की षष्ठी से दुर्गा पूजा का आगाज 

शारदीय नवरात्रि की षष्ठी से दुर्गा पूजा का आगाज  होता है। दुर्गा पूजा 5 दिन षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी तक मनाई जाती है। दुर्गा पूजा खासतौर पर बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, त्रिपुरा, पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य भागों में मनाया जाता है। नवरात्रि के समय में मां दुर्गा के ही नवस्वरुपों की पूजा की जाती है।


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