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मोदी के पक्ष में बोलने पर जेएनयू में चले पेपर स्प्रे

दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव शुक्रवार को होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में 2

By Edited By: Published: Fri, 12 Sep 2014 08:15 AM (IST)Updated: Fri, 12 Sep 2014 09:56 AM (IST)
मोदी के पक्ष में बोलने पर जेएनयू में चले पेपर स्प्रे

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव शुक्रवार को होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में 28 प्रत्याशी और जेएनयू में सेंट्रल पैनल में 22 उम्मीदवार विभिन्न पदों पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। डीयू में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला शनिवार की दोपहर तक होने की संभावना है। जेएनयू छात्र संघ पदाधिकारियों के भाग्य का फैसला रविवार शाम तक हो पाएगा। इस बीच जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में मतदान से दो दिन पहले बुधवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे लगाने पर विवाद छिड़ गया। हंगामे के बीच कार्यकर्ताओं और विरोधियों पेपर स्प्रे भी चलाए गए।

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जेएनयू में अध्यक्षीय बहस के दौरान छात्र संघ के अध्यक्ष पद के सातों दावेदारों के बीच जोरदार बहस देखने को मिली। अध्यक्षीय बहस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे लगाने व वंदेमातरम बोलने वाले कार्यकर्ताओं पर विरोधियों ने पेपर स्प्रे चलाए। कुछ संगठनों ने मोदी सरकार द्वारा कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों के लिए दी जा रही मदद की तारीफ भी की। सभी छात्र संगठनों से सर्वसम्मति से कश्मीर में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा माना और कहा कि जेएनयू के छात्र धन और सामान एकत्रित कर कश्मीर भेजेंगे।

जेएनयू में अध्यक्षीय बहस में सभी पदाधिकारियों का जोर स्थानीय व राष्ट्रीय मुद्दे पर रहा और विश्व स्तर के मुद्दे गायब रहे। तीन विषयों पर सभी छात्र संगठनों की राय लगभग एक थी। सभी छात्र संगठन हास्टलों में वाई-फाई लगवाने, 24 घ्ाटे स्वास्थ्य सुविधा और जेएनयू में प्रभावी प्लेसमेंट सेल के पक्ष में दिखे। अधिकांश छात्र संगठनों ने इस पर सहमति जताई कि कैंपस में जेंडर सेंसटाइजेशन अगेंस्ट सेक्सुअल हरास्मेंट कमेटी को और सशक्त बनाए जाने की जरूरत है।

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया(एसएफआइ) की तरफ से जेएनयू छात्रसंघ में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार पिंडिगा अंबेडकर ने कहा कि हम चुनाव में जीत कर आते हैं, तो जेंडर सेंसटाइजेशन कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हरास्मेंट (जीएसकैश) को और मजबूत बनाएंगे। सभी हास्टलों में वाई-फाई की सुविधा भी की जाएगी।

डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरेशन के साथ गठबंधन कर लेफ्ट प्रोग्रेसिव फ्रंट (एलपीएफ) के बैनर तले चुनाव लड़ रही राहिला परवीन ने लिंगदोह कमेटी के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद लिंगदोह को हटाना है। जेएनयू में पिछले पांच सालों से हास्टल की समस्या है। उन्होंने कहा कि कैंपस में बेखौफ आजादी का नारा देने वाले हास्टल, कमरे और अन्य स्थानों पर भी यह आजादी दें।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अध्यक्ष पद के दावेदार सौरभ कुमार ने कहा कि हास्टल और महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। हम छात्रवृत्ति बढ़ाने की भी मांग करते हैं।

नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) के अध्यक्ष पद के दावेदार जोगेंदर पवार ने कहा कि हम पूरी तरह से महिला सुरक्षा पर ध्यान देंगे और कैंपस में प्लेसमेंट सेल लाने की कोशिश करेंगे। हास्टल का मुद्दा हमारे लिए प्राथमिकता है।

आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी आशुतोष ने कहा कि हम इस चुनाव में विगत वर्ष की भांति सांप्रदायिक ताकतों के विरोध आएंगे और उनके खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे। छात्र जनता दल यूनियन (सीजेडीयू) के प्रत्याशी चंद्रशेखर यादव ने कहा कि हम देश में एक लोकतांत्रिक सरकार और उसके मुद्दों के साथ हैं।

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