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DATA STORY: दिल्ली में ऑड-ईवन पर डीटीयू स्टडी ने लगाई मुहर, प्रदूषण में आई थी 25-30% की कमी

दिल्ली में परिवहन से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास में 01 से 9 नवंबर और 13 से 15 नवंबर 2019 के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा दोबारा लागू की गई ऑड-ईवन स्कीम पर डॉक्टर मिश्रा व उनकी रिसर्च टीम ने इस बार भी अध्ययन किया है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 03:10 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 03:10 PM (IST)
DATA STORY: दिल्ली में ऑड-ईवन पर डीटीयू स्टडी ने लगाई मुहर, प्रदूषण में आई थी 25-30% की कमी
सर्दियों की आहट के साथ ही दिल्ली-एनसीआर पर फिर से प्रदूषण की मार पड़ने लगी है।

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/पीयूष अग्रवाल। सर्दियों की आहट के साथ ही दिल्ली-एनसीआर पर फिर से प्रदूषण की मार पड़ने लगी है। पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण में काफी वृद्धि देखी जा रही है। इसी दौरान दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) ने अपने दूसरे अध्ययन की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि जनवरी 2016 की तरह नवंबर 2019 में भी दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई ऑड-ईवन स्कीम से वायु प्रदूषण में काफी कमी आई थी। यानी डीटीयू की रिसर्च ने फिर से ऑड-ईवन स्कीम पर मुहर लगा दी है।

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दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि ऑड-ईवन के पहले चरण (जो 1 से 15 जनवरी 2016 तक 15 दिनों के लिए चला था) पर डीटीयू के पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. राजीव कुमार मिश्रा और उनकी शोध टीम ने जो रिसर्च की थी, उसमें ये सामने आया था कि ऑड-ईवन से वायु प्रदूषण में कमी आई थी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में परिवहन के साधनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास में 01 से 9 नवंबर और 13 से 15 नवंबर, 2019 के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा दोबारा लागू की गई ऑड-ईवन स्कीम पर डॉक्टर मिश्रा व उनकी रिसर्च टीम ने इस बार भी अध्ययन किया है। कुलपति ने बताया कि इस बार के अध्ययन में चार अलग-अलग स्थानों- पंचकुइयां मार्ग, पीतमपुरा रोड, नजफगढ़ रोड और डीटीयू (बवाना रोड) को शामिल किया गया है।

उन्होने बताया कि अध्ययन में मुख्य रूप से डेटा विश्लेषण के आधार पर यह देखा गया कि अध्ययन में शामिल चारों निगरानी स्थानों पर ऑड-ईवन के दौरान सड़क के किनारे पीएमएस (पीएम 10, पीएम 2.5, पीएम 1) में औसतन 25 से 30% तक की कमी पाई गई। ऑड-ईवन योजना शुरू होने से पहले दिल्ली में एक्यूआई बहुत अधिक था और दृश्यता भी काफी कम थी। लेकिन, जैसे ही ऑड-ईवन स्कीम शुरू हुई, वैसे ही मौसम संबंधी परिस्थितियों ने भी इसके लिए बहुत कुछ अनुकूल माहौल बना दिया था, जिसने एक्यूआई (AQI) को निचले स्तर पर लाने में मदद की।

प्रो. योगेश सिंह के अनुसार, नवंबर 2019 की ऑड-ईवन स्कीम के दौरान दिसंबर 2016 की स्कीम के मुक़ाबले मौसम की स्थिति- जैसे, हवा की गति, हवा की दिशा, आर्द्रता और तापमान ने भी वायु प्रदूषण को कम करने में अनुकूल भूमिका निभाई। अध्ययन में शामिल किए गए स्थानों पर सड़क यातायात प्रवाह विश्लेषण के माध्यम से यह निष्कर्ष निकला कि इस बार यातायात की भीड़ भी 40 से 50% कम हो गई थी, जो कि पिछली ऑड-ईवन स्कीम के मुक़ाबले थोड़ी अधिक थी। इस बार ऑड-ईवन में यातायात की भीड़ को कम करने के साथ सीएनजी ने भी सकारात्मक भूमिका निभाई है।

अध्ययन में यह भी सामने आया कि इस बार की स्कीम को लागू करने में जनता ने भी अच्छी भागीदारी निभाई। चयनित स्थानों पर यह देखा गया कि लगभग 90% लोगों ने नियमों का पालन किया। वाहनों व प्रदूषकों के संकेंद्रित होने के बीच के संबंधों के विश्लेषण पर पाया गया कि कार और टैक्सी जैसे वाहनों का छोटे व्यास वाले कणों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। वाहनों के घनत्व में कमी के साथ कणों के संकेन्द्रण में 20 से 25% की कमी पाई गई।

ये थी 2016 के अध्ययन की रिपोर्ट

जनवरी 2016 में दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई ऑड-ईवन स्कीम पर डीटीयू की स्टडी में वायु प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 1.0 की सांद्रता में कमी पाई गई थी। केवल 15 दिन के ट्रायल में ही परिवेशी वायु में पीएम 2.5 में औसतन 5.73% और पीएम 1.0 में औसतन 4.70% की कमी दर्ज की गई थी। हालांकि तब भी यह अध्ययन दिल्ली महानगर के 3 प्रमुख यातायात गलियारों पर किया गया है। 


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