Move to Jagran APP

कोविशील्ड और कोवैक्सीन को बाजार में बेचने की सशर्त अनुमति, औषधि नियामक ने दी मंजूरी, जानें क्‍या होंगी शर्तें

कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन को बाजार में उतारने का रास्‍ता साफ हो गया है। देश के औषधि नियामक यानी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने कोविशील्ड और कोवैक्सिन को सशर्त बाजार में उतारने को मंजूरी प्रदान कर दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 03:26 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 12:04 AM (IST)
कोविशील्ड और कोवैक्सीन को बाजार में बेचने की सशर्त अनुमति, औषधि नियामक ने दी मंजूरी, जानें क्‍या होंगी शर्तें
कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन को बाजार में उतारने का रास्‍ता साफ हो गया है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले दोनों वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को बाजार में बेचने की सशर्त अनुमति मिल गई है। पिछले हफ्ते सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने इन दोनों वैक्सीन को खुले बाजार में बेचने की अनुमति देने की अनुसंशा की थी। ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने उसपर मुहर लगा दी। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने साफ कर दिया कि सरकार की ओर मुफ्त टीकाकरण का अभियान जारी रहेगा।

prime article banner

दवा दुकानों पर उपलब्ध नहीं होगी

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाजार में बेचने की अनुमति मिलने के बावजूद कोविशील्ड और कोवैक्सीन दवा दुकानों पर फिलहाल उपलब्ध नहीं होगी। इसे केवल निजी अस्पतालों और क्लीनिक में ही लगाया जा सकता है।

मौजूदा गाइडलाइंस का करना होगा पालन

निजी अस्पतालों और क्लीनिक में कोई भी व्यक्ति टीके की पहली, दूसरी या बूस्टर डोज ले सकता है लेकिन इन्हें लगाने के लिए कोरोना टीकाकरण के मौजूदा गाइडलाइंस का पालन करना है। यानी बूस्टर डोज सिर्फ फ्रंट लाइन वर्कर्स, हेल्थ केयर वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को ही लगाया जा सकता है। बाकी 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति टीके का पहला या दूसरा डोज ले सकता है।

किशोरों को सिर्फ कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी

15 से 18 साल की उम्र के किशोरों को सिर्फ कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी। लेकिन उससे कम उम्र के बच्चों को टीका लगाने की अनुमति नहीं होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि निजी अस्पतालों और क्लीनिक में लगने वाले हर टीके की जानकारी पहले की तरह कोविन एप पर अपलोड करना अनिवार्य होगा, ताकि टीका लेने वाले को उसका सर्टिफिकेट जारी किया जा सके।

टीकाकरण अभियान जारी रहेगा

वहीं मनसुख मांडविया ने साफ कर दिया कि कोरोना टीकाकरण अभियान पहले की तरह जारी रहेगा। अभियान के पूरा होने तक सभी सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर तय गाइडलाइंस के अनुसार मुफ्त में टीके लगाए जाते रहेंगे लेकिन कोई व्यक्ति चाहे तो निजी अस्पताल या क्लीनिक में जाकर टीके की डोज ले सकता है।

पहले लिया था यह फैसला 

ध्यान देने की बात है कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को पहले ही कुल उत्पादन का 25 फीसद निजी अस्पतालों को बेचने की छूट दे गई थी लेकिन सरकारी केंद्रों में मुफ्त टीकाकरण को देखते हुए वहां टीका लगाने वालों की संख्या काफी कम रही और बाद में सरकार को उनके हिस्से का टीका भी खरीदना पड़ा था।

कंपनियों को यह होगी सहूलियत

बाजार में बेचने की अनुमति देने से भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को होने वाले फायदे को बताते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पहले दोनों कंपनियों को टीके के कारण होने वाले दुष्प्रभावों और विदेशों में हो रहे ट्रायल की जानकारी हर 15 दिन पर देनी होती थी लेकिन अब उन्हें छह महीने पर ये जानकारी देनी होगी।

कीमत तय करने के मूड में नहीं है सरकार

इन दोनों टीकों की बाजार में कीमत के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार उनकी कीमत तय करने के मूड में नहीं है। उनके अनुसार बाजार में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए उनकी कीमत कम रहने की उम्मीद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.