टैंकभेदी नाग मिसाइल का परीक्षण विफल
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन [डीआरडीओ] के बहु प्रतीक्षित नाग टैंकभेदी मिसाइल परियोजना को गहरा झटका लगा है। हाल ही में संपन्न प्रायोगिक परीक्षण में नाग मिसाइल लक्ष्य भेदने में नाकाम रही। सेना के अधिकारियों ने इस मिसाइल के परीक्षण को विफल करार दिया। सेना ने डीआरडीओ से भविष्य में इस मिसाइल के परीक्षण की बाबत और उम्दा तैयारी कर आने के लिए कहा है।
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन [डीआरडीओ] के बहु प्रतीक्षित नाग टैंकभेदी मिसाइल परियोजना को गहरा झटका लगा है। हाल ही में संपन्न प्रायोगिक परीक्षण में नाग मिसाइल लक्ष्य भेदने में नाकाम रही। सेना के अधिकारियों ने इस मिसाइल के परीक्षण को विफल करार दिया। सेना ने डीआरडीओ से भविष्य में इस मिसाइल के परीक्षण की बाबत और उम्दा तैयारी कर आने के लिए कहा है।
सूत्रों के अनुसार, डीआरडीओ की काफी विलंब से चल रही नाग मिसाइल परियोजना का प्रायोगिक परीक्षण हाल ही में राजस्थान के महाजन फायरिंग रेंज पर हुआ। सेना और डीआरडीओ के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में चार नाग मिसाइलों के जरिए लक्ष्य पर निशाना साधा गया। लेकिन एक छोड़कर बाकी तीन मिसाइलें लक्ष्य भेदने में नाकाम रहीं। सूत्रों का कहना है कि रूस निर्मित मिसाइल वाही उपकरण नामिका में गड़बड़ी के कारण मिसाइलें लक्ष्य भेदने के मार्ग से भटक गई।
परीक्षण के दौरान मौजूद सेना के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारियों ने मिसाइल वाही उपकरण के साथ-साथ नाग की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। सैन्य अधिकारियों का कहना था कि काफी विलंब के बाद भी नाग परियोजना को लेकर डीआरडीओ की तैयारियां स्थापित मानदंडों पर खरी नहीं उतरीं। सेना के अनुसार प्रयोग के दौरान मिसाइल वाही उपकरण नामिका का प्रदर्शन पानी में मानकों के अनुरूप नहीं था। वह पूरी तरह से फेल साबित हुआ। नाग परीक्षण नाकामी के बारे में पूछे जाने पर डीआरडीओ प्रवक्ता रवि गुप्ता ने कहा कि परीक्षण को पूरी तरह विफल करार देना उचित नहीं है। हमें आशिंक सफलता हाथ लगी है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक प्रायोगिक परीक्षण में असफलता हाथ लगने के बाद नाग मिसाइलों को सेना में शामिल करने का मामला अगले कुछ वर्षो के लिए लटक गया।
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