डीआरडीओ ने फार्मा कंपनियों से कोरोना ड्रग 2-DG के थोक उत्पादन के लिए आमंत्रित किए आवेदन
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोरोना रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) विकसित किया है। बड़े पैमाने पर भारतीय दवा उद्योगों के लिए डीआरडीओ ने प्रौद्योगिकी को स्थानांतरित करने के लिए एक्सप्रेस ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) का आह्वान किया है।
नर्इ दिल्ली, एएनआइ। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोरोना रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) विकसित किया है। बड़े पैमाने पर भारतीय दवा उद्योगों के लिए डीआरडीओ ने प्रौद्योगिकी को स्थानांतरित करने के लिए एक्सप्रेस ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) का आह्वान किया है।
2-डीजी को डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज के सहयोग से डीआरडीओ की प्रयोगशाला परमाणु चिकित्सा और संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) द्वारा विकसित किया गया है। 2-डीजी का तीसरा चरण का टेस्ट जनवरी में शुरू हुआ, जबकि फेज ट्रायल पिछले साल जून और सितंबर के बीच तीन महीने की अवधि में आयोजित किया गया था और इसमें 110 मरीज शामिल थे।
डीसीजीआइ ने पिछले साल मई में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज को मध्यम से गंभीर कोविड -19 रोगियों के तीव्र उपचार के लिए 2 DG के क्लिनिकल परीक्षण करने की अनुमति दी थी। सरकार ने हाल में 2-डीजी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा के एंटी-कोविड चिकित्सीय प्रयोग के रूप में 2-डीजी लॉन्च किया है। 2-डीजी से इलाज करने वाले मरीजों ने कोरोना रोगियों में नकारात्मक आरटी पीसीआर दिखाया है।
कुछ मानदंडों के आधार पर उत्पादन के लिए भारतीय औषधि उद्योगों को 2-डीजी के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) की पेशकश करने का प्रस्ताव है। सक्रिय फार्मास्युटिकल संघटक (एपीआई) से निर्माण के लिए ड्रग लाइसेंसिंग प्राधिकरणों से ड्रग लाइसेंस दिया जाएगा।
17 जून 2021 तक एक्सप्रेस ऑफ इंटरेस्ट के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है। डीआरडीओ की तकनीकी मूल्यांकन समिति (टीएसी) द्वारा केवल 15 उद्योगों के लिए क्षमताओं, तकनीकी हैंडहोल्डिंग क्षमता और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर की जांच की जाएगी।