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Bike Ambulance: मुश्किल इलाकों में मदद करेगी डीआरडीओ की 'रक्षिता' एंबुलेंस

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और परमाणु चिकित्सा और संबद्ध विज्ञान (INMAS) की मदद से बाइक एंबुलेंस का निर्माण किया है। इससे संकरी जगहों पर निकासी और कम समय में सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी। सोमवार से स्वदेशी रूप से विकसित की गई बाइक एम्बुलेंस रक्षिता को लांच किया गया।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 05:30 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 07:31 PM (IST)
Bike Ambulance: मुश्किल इलाकों में मदद करेगी डीआरडीओ की 'रक्षिता' एंबुलेंस
डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने बड़ी पहल है

नई दिल्ली, एजेंसियां । दूरदराज के इलाकों में घायल जवानों को तत्काल इलाज देने और उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने खास दोपहिया एंबुलेंस विकसित की है। सोमवार को डीआरडीओ की तरफ से ऐसी 21 एंबुलेंस केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सौंपी गई। डीआरडीओ की वैज्ञानिक शोध इकाई इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलायड साइंसेज (इनमास) ने 350 सीसी रॉयल इनफील्ड क्लासिक बाइक पर इस एंबुलेंस को तैयार किया है। इसे 'रक्षिता' नाम दिया गया है।

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सीआरपीएफ के प्रमुख एपी महेश्वरी ने कहा कि नक्सल प्रभावित राज्यों के दूरदराज के क्षेत्रों में घायल या बीमार जवानों की मदद के लिए रक्षिता का इस्तेमाल किया जाएगा। इतना ही नहीं, इनका इस्तेमाल स्थानीय लोगों की मदद के लिए भी होगा। लोधी रोड स्थित सीआरपीएफ के मुख्यालय पर डीआरडीओ ने 21 बाइक एंबुलेंस सुरक्षा बल को सौंपीं। इस मौके पर प्रतिष्ठित विज्ञानी एवं डीआरडीओ के डायरेक्टर जनरल (लाइफ साइंसेज) एके सिंह भी उपस्थित रहे।बाइक को इस तरह से तैयार किया गया है कि किसी घायल को आसानी से और आरामदायक मुद्रा में इस पर बैठाया जा सकता है।

इसमें तत्काल जरूरत वाले चिकित्सकीय उपकरण व ऑक्सीजन किट आदि की सुविधा भी दी गई है। सामने एक एलसीडी स्क्रीन पर बाइक चलाने वाले को पीछे सवार बीमार या घायल की सेहत से जुड़ी जानकारी दिखती रहेगी। मरीज की हालत बिगड़ने पर अलार्म भी बजेगा, जिससे चालक सतर्क हो सकेगा।

तीन साल पहले आया था विचार

सीआरपीएफ में बाइक एंबुलेंस का विचार फरवरी, 2018 में पहली बार तब आया था, जब छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तैनात 85वीं बटालियन के जवानों ने दूरदराज के क्षेत्रों में फंसे घायलों को निकालने के लिए अपनी बाइक का इस्तेमाल किया था। इसके बाद सीआरपीएफ ने इस संबंध में इनमास से संपर्क कर चिकित्सकीय उपकरणों से लैस बाइक एंबुलेंस विकसित करने की बात कही। तब से ही इनमास के विज्ञानी एवं शोधकर्ता इस विचार को सच करने में जुट गए। पहले एक प्रोटोटाइप बनाया गया था और फीडबैक के आधार पर उसे बेहतर किया गया।

हर घटना हमें सिखाती है

एंबुलेंस को सुरक्षा बल का हिस्सा बनाए जाने के मौके पर सीआरपीएफ प्रमुख एपी माहेश्वरी ने अन्य प्रश्नों के भी उत्तर दिए। ड्यूटी पर तैनात अफसरों के बलिदान के प्रश्न पर उन्होंने कहा, 'हमारे ऑफिसर अग्रिम मोर्चे से नेतृत्व करते हैं। वहां जवान या सीनियर ऑफिसर की रैंक में कोई अंतर नहीं माना जाता है। यह एक सकारात्मक बात है कि हमारे अधिकारी आगे बढ़कर जवानों का हौसला बढ़ाते हैं। सभी सावधानियों के बाद भी कुछ दुर्घटनाएं हो जाती हैं। इनसे हम विचलित नहीं होते। हर घटना हमें कुछ सिखाती है।' उन्होंने जोर देकर कहा कि सीआरपीएफ स्थानीय पुलिस एवं भारतीय सेना के साथ मिलकर सीमा पर घुसपैठ की कोशिशों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सेना दिवस पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने कहा था कि सीमा पर 300 से 400 आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं।


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