Move to Jagran APP

Republic day Parade: DRDO व उड्डयन मंत्रालय भी करेंगे प्रदर्शन, गुजरात की झांकी में दिखेगा 1922 का आदिवासियों का नरसंहार

Republic Day Parade रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की दो झांकियां जल शक्ति मंत्रालय की दो और गुजरात की झांकी में साबरकांठा जिले के 1200 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के अंग्रेजों द्वारा किए गए नरसंहार को प्रदर्शित किया जाएगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:12 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:39 AM (IST)
Republic day Parade: DRDO  व उड्डयन मंत्रालय भी करेंगे प्रदर्शन, गुजरात की झांकी में दिखेगा 1922  का आदिवासियों का नरसंहार
Republic day Parade: DRDO व उड्डयन मंत्रालय भी करेंगे प्रदर्शन, गुजरात की झांकी में दिखेगा 1922 का आदिवासियों का नरसंहार

अहमदाबाद, प्रेट्र।  गणतंत्र दिवस परेड में गुजरात की झांकी में साबरकांठा जिले के 1,200 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के अंग्रेजों द्वारा किए गए नरसंहार को प्रदर्शित किया जाएगा। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। साबरकांठा जिले में पाल द।वाव के कम से कम 1,200 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों ने सात मार्च, 1922 को अकारण गोलीबारी में मार डाला था। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि गुजरात की झांकी पाल दधवाव गांव के आदिवासी क्रांतिकारियों पर ब्रिटिश सेना द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी की घटना का प्रतिनिधित्व करेगी।

loksabha election banner

आदिवासियों द्वारा कोलियारी के गांधी माने जाने वाले मोतीलाल तेजावत की सात फीट की प्रतिमा झांकी का मुख्य आकर्षण होगी और फायरिंग का आदेश देने वाले ब्रिटिश घुड़सवार एचजी शैटर्न की प्रतिमा भी होगी। इनके अलावा, झांकी पर छह अन्य मूर्तियां हैं और छह कलाकार भी त्रासदी के दर्द को जीवंत करने के लिए प्रदर्शन करेंगे। क्रांति के प्रतीक के रूप में मशाल लेकर चार आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की चार फीट ऊंची प्रतिमाएं होंगी। ये मूर्तियां स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी लोगों की बहादुरी, साहस और समर्पण को प्रदर्शित करती हैं।

परेड में डीआरडीओ की होंगी दो झांकियां

इस बार की परेड में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की दो झांकियां शामिल होंगी जिसमें हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस और स्वदेश में विकसित सेंसर, हथियार और इलेक्ट्रानिक युद्ध प्रणाली को प्रदर्शित किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि डीआरडीओ की पहली झांकी में स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत इलेक्ट्रानिक स्कैन एरे रडार 'उत्तम' और पांच अलग-अलग 'एरियल लांच वेपंस और चौथी पीढ़ी के एलसीए तेजस की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रानिक युद्ध (ईडब्ल्यू) जैमर प्रदर्शित किया जाएगा। जबकि दूसरी झांकी में नौसेना की पनडुब्बियों को पानी के भीतर चलाने के लिए स्वदेश में विकसित एआइपी प्रणाली को दिखाया जाएगा।

लद्दाख में 13 हजार फीट की ऊंचाई की जलापूर्ति दिखेगी

परेड में शामिल जल शक्ति मंत्रालय की झांकी में जल जीवन मिशन की झलकियां दिखेंगी। इसमें लद्दाख में 13 हजार फुट से अधिक ऊंचाई पर रहने वाले लोगों के घरों में कड़ाके की ठंड में नल का साफ पानी पहुंचाने की उपलब्धि दिखाई जाएगी। झांकी में सामने की तरफ एक छोटी बूंद की आकृति दिखाई देगी जो हर घर जल की उपलब्धि और गांव की जलापूर्ति के सामुदायिक स्वामित्व को दर्शाती है।

उड्डयन मंत्रालय की झांकी क्षेत्रीय संपर्क को दिया गया है बढ़ावा

परेड में उड्डयन मंत्रालय की विमान के आकार वाली झांकी अपनी क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान और देश भर में इसके प्रभाव को प्रदर्शित करेगी। उड़ान योजना के तहत, केंद्र, राज्य सरकारों और हवाईअड्डा संचालकों की ओर से वित्तीय प्रोत्साहन चयनित एयरलाइनों को प्रदान किए जाते हैं ताकि असेवित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों से संचालन को प्रोत्साहित किया जा सके और हवाई किराये को किफायती रखा जा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.