शीर्ष वायरोलाजिस्ट डा. गगनदीप कंग ने कहा, चरणबद्ध और सतर्कता से खोले जाएं स्कूल
Dr Gagandeep Kang डॉ गगनदीप कांग ने गुरुवार को कहा कि महामारी की लहर अगर वैरिएंट पर निर्भर है तो उससे प्रभावित होने वालों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। वायरस में कुछ मौसमी तत्व भी हो सकते हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। अप्रैल-मई में आई कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद देश में महामारी पीड़ितों की संख्या लगातार कम हुई है। ऐसे में स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जा सकता है। लेकिन इसके लिए शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को कोविड से बचाव का टीका लगा होना अनिवार्य होना चाहिए। यह बात क्रिश्चियन मेडिकल कालेज, वेल्लोर में प्रोफेसर और देश की शीर्ष वायरोलाजिस्ट डा. गगनदीप कंग ने कही है। वह महामारी से बचाव की तैयारी के लिए सरकार के बनाए बोर्ड की उप प्रमुख भी हैं।
स्कूलों को खोलने में अब कोई कठिनाई नहीं
डा. कंग ने कहा कि स्कूलों को खोलने में अब कोई कठिनाई नहीं है। लेकिन इन्हें चरणबद्ध तरीके से और अच्छी तरह से सैनिटाइज करने के बाद खोला जाना चाहिए। स्कूलों का सैनिटाइजेशन नियमित तौर पर होना चाहिए। कक्षाओं को शिफ्टों में लगाना चाहिए। क्लास रूम में बच्चों के लिए फेस मास्क जरूरी होना चाहिए और उनके बीच शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी होना चाहिए। शिक्षक और बाकी के स्टाफ को वैक्सीन लगी होनी चाहिए। जो बच्चे जुकाम--खांसी से पीड़ित हैं, उनकी ओर खास ध्यान दिए जाने की जरूरत होगी। उन्हें स्वस्थ होने तक स्कूल न आने की छूट दी जाए।
वैरिएंट पर निर्भर होगा तीसरी लहर का असर
डा. कंग ने कहा, कोविड की तीसरी लहर आने की आशंका है। इसके असर को लेकर अभी संशय है। तीसरी लहर में संक्रमण की गंभीरता कोरोना वायरस के वैरिएंट पर निर्भर करेगी। अगर वह ज्यादा संक्रामक हुआ तो पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है। अन्यथा संक्रमण को आवश्यक कदम उठाते हुए नियंत्रित किया जा सकेगा। डा. कंग ने भी अगस्त या सितंबर में तीसरी लहर शुरू होने की आशंका जताई है। उल्लेखनीय है कि आइआइटी कानपुर और आइआइटी हैदराबाद के विज्ञानियों ने अगस्त में कोविड की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है।