यहां दहेज लेने पर नहीं देने पर दर्ज हुआ केस, मुश्किल में बाप-बेटी
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने पिता-पुत्री को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए समन जारी किया। प्रकरण की अगली सुनवाई चार मार्च को होगी।
दुर्ग, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दहेज प्रताड़ना के मामले में आरोपित युवक के परिवाद पर कोर्ट ने उसके पत्नी और ससुर पर केस दर्ज कर लिया है। कोर्ट ने कहा है कि पत्नी और ससुर द्वारा प्रथम दृष्टया परिवादी एवं उसके पिता को दहेज दिए जाने संबंधी बयान दिया गया है, जो धारा तीन दहेज प्रतिशेष अधिनियम 1961 के तहत दर्ज करने का आधार है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने पिता-पुत्री को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए समन जारी किया। प्रकरण की अगली सुनवाई चार मार्च को होगी। सुपेला थाना अंतर्गत नेहरू नगर भिलाई निवासी निमिष एस अग्रवाल (38) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग की अदालत में अपनी पत्नी रूही अग्रवाल, ससुर विजय अग्रवाल, रीता अग्रवाल, मीनी बसंल, प्रकाश परिहार, खेमालाल और अभिलाषा भट्ट के खिलाफ अधिवक्ता रविशंकर सिंह, अर्जुन सिंह के माध्यम से धारा तीन दहेज प्रतिशेष अधिनियम 1961 के अंतर्गत परिवाद प्रस्तुत किया। जिसके मुताबिक परिवादी का विवाह रूही अग्रवाल पिता विजय अग्रवाल के साथ 16 जनवरी 2007 को गुडगांव में हुआ। दोनों की एक पुत्री है।
परिवादी ने बताया कि रूही द्वारा सात मई 2016 को उसके व परिजनों के विरुद्ध दहेज प्रताड़ना, 3, 4 दहेज प्रतिशेष अधिनियम व अन्य धाराओँ में अपराध दर्ज करवाई है। सुपेला पुलिस ने मामले की विवेचना कर कोर्ट में अंतिम प्रतिवेदन पेश किया। मामला अभी अपर सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में विचाराधीन है। परिवाद में अभियोजन के दस्तावेजों में रूही अग्रवाल द्वारा दिए गए बयान का उल्लेख किया गया है, जिसके मुताबिक रूही ने बताया कि निमिष व उसके परिजनों ने विवाह के समय दहेज मांगा। परिणाम स्वरूप परिवादी के बैंक खाते में 2.5 करोड़ रुपये एवं 60 लाख रुपए जमा कराए।
सिगरेट फैक्टी की कंपनी के खाते में जमा की राशि
परिवाद पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह पाया कि परिवादी निमिष तथा उसके परिवार वालों द्वारा मांग किए जाने पर साठ लाख रुपये उनको प्रदान किए जाने एवं दो करोड़ पचास लाख रुपये निमिष अग्रवाल के कंपनी के खाते में जमा करने संबंधी बयान रूबी अग्रवाल द्वारा दिया गया है।
इसी प्रकार विजय अग्रवाल के बयान में भी पैसे की मांग किए जाने पर उसके स्वयं के द्वारा दो करोड़ पैंतालीस लाख रुपये रूबी के ससुर की सिगरेट फैक्ट्री की कंपनी के खाते में जमा करना एवं साठ लाख रुपये चेक के माध्यम से स्वयं दिए जाने का कथन किया जाना दर्शित है।
पुलिस के इनकार पर किया परिवाद पेश
परिवादी निमिष अग्रवाल ने प्रस्तुत परिवाद में यह भी उल्लेख किया है कि उक्त घटना की रिपोर्ट दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर पुलिस थाना सुपेला में दर्ज करानी चाही, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। इसके बाद सात सिंतबर 2017 को पुलिस अधीक्षक दुर्ग को एक लिखित शिकायत की, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।