Move to Jagran APP

दुनिया के सभी टीकों के लिए भारत में खुले दरवाजे, सरकार ने हटाई ब्रीज ट्रायल की शर्त

ब्रीज ट्रायल की शर्त में छूट के बाद अमेरिका की मॉडर्ना फाइजर और जानसन एंड जानसन जैसी कंपनियां विदेश में विकसित वैक्सीन का भारत में निर्यात कर सकेंगी और साथ ही भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर यहीं उनका उत्पादन भी कर सकेंगी।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 09:14 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 09:14 AM (IST)
दुनिया के सभी टीकों के लिए भारत में खुले दरवाजे, सरकार ने हटाई ब्रीज ट्रायल की शर्त
ब्रीज ट्रायल की शर्त हटने के बाद भारत में निर्यात होगी मॉडर्ना, फाइजर समेत कई वैक्सीन।

नई जिल्ली, जेएनएन। सरकार ने कोरोना की सभी विदेशी वैक्सीन के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। विदेशी वैक्सीन को इस्तेमाल के पहले ब्रीज ट्रायल की शर्त से भी छूट दे दी गई है। अब अमेरिका की मॉडर्ना, फाइजर और जानसन एंड जानसन जैसी कंपनियां विदेश में विकसित वैक्सीन का भारत में निर्यात कर सकेंगी। इसके अलावा ये कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर वैक्सीन का उत्पादन भी कर सकेंगी। वैक्सीन परराष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष डॉ वीके पाल ने कहा है कि ब्रीज ट्रायल में छूट सिर्फ कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात को देखते हुए दी गई है। इसके बाद भी वैक्सीन के प्रभाव और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं होगी।

loksabha election banner

इमरजेंसी इस्तेमाल के साथ करना होगा ब्रीज ट्रायल

विदेशी कंपनियों को अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के साथ-साथ भारत में ब्रीज ट्रायल भी शुरू करना पड़ेगा और बाद में ब्रीज ट्रायल के डाटा के आधार भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीए) भारत में औपचारिक रूप से उसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत में इस्तेमाल की इजाजत मिलने के बाद विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ समझौता कर भारत में उसका उत्पादन भी शुरू कर सकती हैं। इससे वैक्सीन की सप्लाई कई गुना बढ़ जाएगी।

क्या होता है ब्रीज ट्रायल ?

आमतौर पर किसी टीके के अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में आबादी के बीच सुरक्षा और प्रभाव भिन्न होते हैं। इसलिए बाहर बनने वाले टीके को मंजूरी देने से पहले उसका स्थनीय आबादी के बीच क्लीनिकल ट्रायल किया जाता है। यही ब्रीज ट्रायल है। इसका मकसद स्थानीय आबादी पर बाहरी वैक्सीन की सुरक्षा और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का पता लगाना होता है।

बता दें कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने रूस की कोरोना वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' के सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्रीज भारत में इस टीके का आयात करेगी। इससे पहले डीजीसीआइ भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन को जनवरी में  ही आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.