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दो माह बाद अफरा-तफरी के बीच सीमित स्तर पर घरेलू उड़ान सेवा शुरू, जानें क्‍या रहा पहले दिन का हाल

सोमवार को दो माह बाद जितने विमानों ने उड़ान भरी उससे ज्यादा विमानों को रद करना पड़ा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 09:43 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 09:43 PM (IST)
दो माह बाद अफरा-तफरी के बीच सीमित स्तर पर घरेलू उड़ान सेवा शुरू, जानें क्‍या रहा पहले दिन का हाल
दो माह बाद अफरा-तफरी के बीच सीमित स्तर पर घरेलू उड़ान सेवा शुरू, जानें क्‍या रहा पहले दिन का हाल

नई दिल्ली, जेएनएन। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण दो महीने से खड़े विमानों ने सोमवार को फिर उड़ान भरी। हालांकि इस दौरान जितने विमानों ने उड़ान भरी, उससे ज्यादा विमानों को रद करना पड़ा। दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों को लेकर राज्यों में अलग-अलग क्वारंटाइन नियमों के चलते असंमजस का भी माहौल दिखा। हालांकि अगले कुछ दिनों में हवाई यात्रा के थमे पहियों को गति मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। 

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आंध्र प्रदेश में आज और बंगाल में कल से शुरू होंगी घरेलू उड़ानें 

देश में 25 मार्च से सभी अंतरराष्ट्रीय व घरेलू यात्री विमान सेवाएं बंद हैं। इस दौरान केवल कार्गो एवं कुछ आवश्यक सेवाओं से जुड़े विमानों को ही उड़ान की अनुमति दी गई थी। सरकार ने पिछले हफ्ते सीमित घरेलू उड़ानों को शुरू करने का फैसला लिया था। इसके बाद से ही सभी राज्यों, विमानन कंपनियों और एयरपोर्ट अधिकारियों से विमर्श का दौर चल रहा था। रविवार रात तक यह तय हो गया था कि बंगाल और आंध्र प्रदेश को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों से घरेलू उड़ान सेवाओं की सोमवार को शुरुआत हो जाएगी। आंध्र प्रदेश से मंगलवार को और बंगाल से गुरुवार को हवाई सेवा शुरू करने का फैसला हुआ है। 

630 उड़ानें रद करनी पड़ीं, 532 विमानों ने उड़ान भरी

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्य भी अभी विमान सेवा शुरू करने के पक्ष में नहीं थे। हालांकि इन राज्यों ने सोमवार से सीमित उड़ानों की अनुमति दे दी। राज्यों के इसी रुख के कारण सोमवार के लिए तय 630 उड़ानों को रद करना पड़ा और 532 विमानों ने उड़ान भरी। सोमवार को 39,231 यात्रियों ने सफर किया।  

अलग-अलग क्वारंटाइन नियमों के चलते असमंजस की स्थिति

अगले कुछ दिनों में उड़ानों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। सोमवार को पहली फ्लाइट ने सुबह पौने पांच बजे दिल्ली से पुणे के लिए टेकऑफ किया। वहीं मुंबई से पहली फ्लाइट सुबह पौने सात बजे पटना के लिए रवाना हुई। तेलंगाना, असम, बिहार, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब से भी सीमित विमानों ने उड़ान भरी। विभिन्न राज्यों द्वारा अपने यहां आने वाले यात्रियों को लेकर तय किए गए क्वारंटाइन के अलग-अलग मानकों के कारण आखिरी पल तक विमान सेवाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही थी। अब भी केंद्र के मानक से इतर लगभग सभी राज्यों ने क्वारंटाइन को लेकर अपने-अपने नियम तय किए हैं। यात्रियों को संबंधित राज्यों के नियमों के अनुरूप ही कदम उठाने पड़े रहे हैं।

आखिरी क्षणों में रद हुई कई फ्लाइट

सोमवार को लंबे समय बाद अपने परिजनों से मिलने की आस पाले कई यात्रियों को निराशा भी हुई। अलग-अलग कारणों से लगभग हर राज्य में कई उड़ानों को रद करना पड़ा। जिस तरह की अफरा-तफरी की स्थिति बनी थी, उसमें ज्यादातर यात्रियों को आखिरी क्षणों में ही उड़ान रद होने की जानकारी मिल पाई। अधिकारियों के मुताबिक, सोमवार को कुल 630 उड़ानें रद करनी पड़ीं। केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर 532 उड़ानों से 39,231 यात्रियों के सफर की जानकारी दी।

कारोबारियों को राहत

क्वारंटाइन के सख्त प्रावधानों के बीच लगभग सभी राज्यों ने औद्योगिक गतिविधियों को शुरू करने की जरूरत को समझा है। यही कारण है कि सामान्य यात्रियों के लिए क्वारंटाइन के सख्त नियम बनाने वाले राज्यों ने भी कारोबार के लिए एक-दो दिन की यात्रा पर आए लोगों को क्वारंटाइन के नियमों से सशर्त छूट दी है। कर्नाटक ने कहा है कि यात्रा से दो दिन के भीतर की कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट वाले कारोबारी यात्रियों को क्वारंटाइन में नहीं जाना होगा। कई अन्य राज्यों ने भी कारोबारियों को इसी तरह की सशर्त छूट दी है।

इसलिए रद हुई उड़ानें

- बंगाल और आंध्र प्रदेश से किसी उड़ान के लिए अनुमति नहीं मिली

- मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद के हवाई अड्डों से भी उड़ानें घटाई गई

- क्वारंटाइन नियमों में अनिश्चितता भी उड़ानें रद होने का कारण बनी

बनी हुई है गफलत

- केंद्र सरकार बिना लक्षण वाले यात्रियों पर किसी भी तरह की रोक के पक्ष में नहीं

- कुछ राज्यों ने सभी यात्रियों के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन अनिवार्य किया है

- कई राज्य होम क्वारंटाइन के प्रावधान के साथ ही यात्रा की अनुमति दे रहे हैं

- तेलंगाना, दिल्ली जैसे कुछ राज्यों ने बिना लक्षण वालों पर कोई रोक नहीं लगाई

 

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