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क्या फोटोग्राफी लम्हों के आनंद को छीन लेती है, इसलिए समझदारी से खींचें तस्वीरें

फोटोग्राफी एक सुंदर लम्हे का भाग हो सकती है पर उसे अपने और वास्तविकता के बीच की बाधा न बनने दें। समझदारी से तस्वीर खींचें पर उन सुंदर लम्हों को न खोएं केवल इसलिए क्योंकि आप उस पल तस्वीरें लेने में व्यस्त थे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 12:06 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 12:06 PM (IST)
क्या फोटोग्राफी लम्हों के आनंद को छीन लेती है, इसलिए समझदारी से खींचें तस्वीरें
फोटोग्राफी एक सुंदर लम्हे का भाग हो सकती है।

नई दिल्ली, जेएनएन। ऐसी कौन-सी सबसे सुंदर जगह है जहां आप गए हैं? जब आप वहां गए थे तो आपने वहां की तस्वीरें ली थीं। पर जो आप इस तस्वीर में नहीं देख पाएंगे, वह है पीछे खड़े वही तस्वीरें लेने वाले दूसरे लोग। ऐसी कई सौ या हजार तस्वीरें हर सप्ताह ली जाती होंगी। इंस्टाग्राम पर जब उन तस्वीरों को देखने लगें, तो पाएंगे कि जो तस्वीरें मैंने डाली हैं, वैसी ही तस्वीरें वहां पहले से मौजूद थीं। तस्वीरें लेते हुए कुछ लम्हों में हमेशा लगता है कि हम स्थलों को स्वयं की आंखों से देखने का अनुभव नहीं कर पाते। जब मैं तस्वीरें खींचती हूं, मुझे ऐसी बहुत सारी चीजें दिखती हैं, जिन पर मैं ज्यादा समय तक चर्चा कर सकती हूं।

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इस दुनिया की सुंदरता की तस्वीरें लेना मेरे लिए किसी चहेते व्यक्ति का चित्र बनाने के समान होगा। हम कैमरे के पीछे तस्वीरें ले रहे होते हैं तो हमें उन अनुभवों में बहुत आनंद आता है। पर हम सब सोशल मीडिया को अपनी यात्रओं और जिंदगी की तस्वीरें बांटने की उचित जगह मानते हैं। हम केवल दुनिया के देखे हुए हिस्सों की नहीं, प्रतिदिन के अनुभवों को बांटते हैं। शोध से पता चलता है कि इससे लोगों को अपनी जिंदगी के सूनपेन का एहसास कम होता है।

वैसे, यह सब कहकर मैं आपको तस्वीरें खींचने को लेकर हतोत्साहित नहीं कर रही। बेशक दुनिया को हरेक की आवाज और दृष्टिकोण की जरूरत है, आपकी भी। पर मैं समझाना चाहती हूं कि फोन और कैमरे की हरदम आवश्यकता नहीं होती। आप उन्हें एक पल के लिए परे हटाएं, पल में जीने और उसे करीब से महसूस करने के लिए। क्या पता कल आप ऐसी अद्भुत जगहों पर हों, जहां कैमरा या फोन न ले जा सकें या वहां इनकी मनाही हो। क्या तब यह आपको बेचैन करेगा, बंधन लगेगा या आराम मिलेगा।

तस्वीरें ले रहे हैं तो थोड़ा रुकिए, ठहरिए, गहरी सांस लीजिए। आसपास देखिए, आप क्या देख रहे हैं। क्या आप उन लम्हों को जी पा रहे हैं। याद रखिए ये लम्हें दोबारा नहीं आने वाले। फोटोग्राफी एक सुंदर लम्हे का भाग हो सकती है, पर उसे अपने और वास्तविकता के बीच की बाधा न बनने दें। समझदारी से तस्वीर खींचें, पर उन सुंदर लम्हों को न खोएं केवल इसलिए, क्योंकि आप उस पल तस्वीरें लेने में व्यस्त थे।

रिन सुल्लिवन, ट्रैवल फोटोग्राफर, अमेरिका

(टेड टॉक्स से साभार)


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