विश्व लिवर दिवस के मौके पर चिकित्सकों ने चेताया, कोरोना के शक में खुद न बनें डॉक्टर, हो सकता है नुकसान
डॉक्टरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोग खुद से एंटीबायोटिक दवा लेते हैं तो लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक सर्दी बुखार और खांसी होने पर आमतौर पर लोग खुद ही दवा की दुकान से एंटीबायोटिक खरीद कर खा लेते हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से अस्पतालों में भीड़ बढ़ी है तो लोगों के बीच खुद से दवा लेने का चलन भी बढ़ा है। डॉक्टरों का कहना है कि बिना जांच कराए खुद से ही दवा लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
विश्व लीवर दिवस के मौके पर डॉक्टरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोग खुद से एंटीबायोटिक दवा लेते हैं तो लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक सर्दी, बुखार और खांसी होने पर आमतौर पर लोग खुद ही दवा की दुकान से एंटीबायोटिक खरीद कर खा लेते हैं। लेकिन यह ठीक नहीं है। कोरोना के लक्षण भी सामान्य वायरल बुखार से मिलते-जुलते हैं।
एंटीबायोटिक दवा वैक्टीरिया के खिलाफ काम करती है, वायरस के खिलाफ नहीं
वायरल बुखार वैक्टीरिया जनित होता है, जबकि कोरोना वायरस जनित है। ग्लेनिगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल के इंटरल मेडिसिन विभाग में कंसल्टेंट चिकित्सक डॉ. एनवाई प्रशांत चंद्र ने कहा कि एंटीबायोटिक दवा वैक्टीरिया के खिलाफ काम करती है, वायरस के खिलाफ नहीं। अगर ऐसे में कोई बिना जांच कराए ही सामान्य बुखार, सर्दी या खांसी होने पर एंटीबायोटिक दवा लेता है और उसे वायरल की जगह कोरोना हुआ है तो उसके लिवर समेत शरीर के अन्य अहम अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।
अमेरिका के डॉज सिटी के वेस्टर्न प्लेन हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन की डॉ. अनुषा कर्रा के मुताबिक, अस्पताल में चिकित्सक कोरोना के इलाज के दौरान दूसरे चरण के वैक्टीरियल संक्रमण के इलाज में एंटीबायोटिक का कभी-कभी इस्तेमाल करते हैं और वह भी बहुत गंभीर रूप से बीमार रोगियों पर। लेकिन इस तरह का इलाज सिर्फ चिकित्सकों की निगरानी में ही किया जाना चाहिए। प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए एंटीबायोटिक के इस्तेमाल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।