नया नियम लागू, केंद्रीय डॉक्टर अब 65 में रिटायर होंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश में डाक्टरों की कमी को देखते हुए जल्दी ही सरकार यह कदम उठाने वाली है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के सभी डाक्टर अब 65 साल की उम्र तक अपनी सेवा दे सकेंगे। प्रधानमंत्री की विशेष मंजूरी के साथ इसे मंगलवार से ही प्रभावी कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश में डाक्टरों की कमी को देखते हुए जल्दी ही सरकार यह कदम उठाने वाली है।
इस फैसले से केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा (सीएचएस) के तीन सब कैडर शिक्षकेत्तर, लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और जेनरल ड्यूटी मेडिकल अधिकारी (जीडीएमओ) के लगभग दो हजार डाक्टरों को फायदा होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा में डाक्टरों के कुल लगभग चार हजार पद हैं। इनमें से उपरोक्त तीन श्रेणियों के लिए कुल स्वीकृत पद लगभग 2900 हैं, जिनमें लगभग एक हजार पद अभी खाली हैं। अध्यापन के काम में लगे डाक्टरों की रिटायरमेंट उम्र पहले ही बढ़ाई जा चुकी है। इसी तरह शिक्षकेत्तर और लोक स्वास्थ्य श्रेणी के डाक्टरों की सेवानिवृत्ति उम्र अभी 62 थी। जबकि जीडीएमओ अभी 60 साल की उम्र में रिटायर हो रहे थे।
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स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, 'यह कदम देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने में सरकार की मदद करेगा। इससे सरकार ऐसी विभिन्न योजनाओं को ज्यादा प्रभावी ढंग से लागू कर पाएंगी, जिनमें डाक्टरों की मदद बहुत जरूरी होती है।' स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक दिन पहले ही यह प्रस्ताव कैबिनेट सचिवालय भेज दिया था। मगर 31 मई को रिटायर हो रहे डाक्टरों को भी इस सुविधा का लाभ पहुंचाने के इरादे से स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री को विशेष तौर पर अनुरोध किया था कि वे कैबिनेट बैठक से पहले ही इसे मंजूरी दे दें। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने इसे मंजूरी भी दे दी।