तीन बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके डॉ. शेष सिंगापुर में टॉप-50 वक्ताओं में शुमार
तीन बार लंबे भाषणों के जरिये वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके छत्तीसगढ़ के कोरबा निवासी डॉ. अजय शेष के कीर्तिमानों की सूची में जुड़ गई है एक और उपलब्धि।
विकास पांडेय, बिलासपुर। तीन बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके छत्तीसगढ़ के कोरबा निवासी अंतरराष्ट्रीय वक्ता, चिकित्सक व प्रशिक्षक डॉ. अजय शेष के नाम एक और कीर्तिमान जुड़ गया है। उन्हें सिंगापुर में सर्टिफिकेशन मेकिंग द स्टेज की पदवी प्रदान की गई। इसी के साथ वे विश्व के टॉप-50 वक्ताओं की सूची में शामिल हो गए हैं। इन्हें यह उपलब्धि विश्व के सर्वश्रेष्ठ चार वक्ताओं की कड़ी परीक्षा से गुजरने के बाद उनकी अनुशंसा से मिली है।
अपने ओजस्वी बोलों से युवाओं के प्रेरणास्रोत बन चुके कोरबा जिले के पैथोलॉजिस्ट डॉ. शेष को यह सम्मान आसानी से नहीं मिला। पहले विश्व के चार शीर्ष वक्ता व प्रशिक्षकों ब्लेयर सिंगर, माक्र्स डी मारिया, लैरी गिल्मैन व जॉल्टन रोटोको ने गहन परीक्षण किया। इसके बाद उन्हें यह पदवी मिली।
छत्तीसगढ़ में वे अब तक 252 संस्थाओं में एक लाख से ज्यादा युवाओं का मार्गदर्शन कर चुके हैं और यही उपलब्धि उन्हें इस मुकाम तक ले जाने में अहम साबित हुई। उन्होंने पिछले साल सितंबर में ही माइंड, बॉडी एंड सोल यानी तीन आधार स्तंभ शरीर, दिमाग और हमारी आत्मा, जो हमें जिंदगी में मजबूती के साथ खड़े रहने की शक्ति प्रदान करते हैं, इस विषय पर सबसे लंबा व्याख्यान दिया था। उन्होंने अनवरत 101 घंटे बोलकर विश्व की सबसे लंबी स्पीच का कीर्तिमान बनाया था।
तीन बार गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम
डॉ. शेष ने सबसे लंबी स्पीच देकर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में अपना नाम तीसरी बार दर्ज कराया है। सबसे पहले उन्होंने वर्ष 2015 में 53 घंटे 18 मिनट का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद वर्ष 2016 में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। एमबीबीएस, एमडी, एमबीए, एमफिल व पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर चुके डॉ.शेष ने 60 घंटे व 30 मिनट तक दुनिया की सबसे लंबी स्पीच बोलकर दोबारा गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में अपना नाम दर्ज कराया था। फिर 101 घंटे की स्पीच के बाद वे शिखर पर पहुंच गए।
रायपुर से दिल्ली तक 34 दिन साइकलिंग
वर्ष 2016 में उन्होंने रायपुर से दिल्ली के बीच 1750 किलोमीटर साइकलिंग की। अजेय भारत प्रकल्प के बैनर तले युवा सशक्तीकरण की मुहिम लेकर डॉ. शेष ने 34 दिन में सात राज्यों से गुजरते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे। इस सफर के दौरान उन्होंने 32 स्थानों पर प्रेरणात्मक कार्यक्रम कर प्रेरित भी किया।