‘सब्जी वाले’ डॉक्टर 14 हजार से अधिक गरीब मरीजों की कर चुके हैं नि:शुल्क सर्जरी
सब्जी वाले डॉक्टर के नाम से मशहूर डॉ. नागेंद्र सिंह अब तक करीब 14 हजार गरीब मरीजों की नि:शुल्क सर्जरी कर जीवनदान दे चुके हैं।
जमशेदपुर [अमित तिवारी]। सब्जी वाले डॉक्टर के नाम से मशहूर डॉ. नागेंद्र सिंह अब तक करीब 14 हजार गरीब मरीजों की नि:शुल्क सर्जरी कर जीवनदान दे चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में प्राइवेट डॉक्टरों से अपील की थी कि वे हफ्ते में एक दिन मुफ्त सेवा देने की पहल करें। यह बात गंगा मेमोरियल अस्पताल, जमशेदपुर के संचालक और सर्जन डॉ. नागेंद्र सिंह को छू गई। हालांकि वे पहले से भी यह नेक काम करते आ रहे थे।
गरीब मरीजों के परिजन इनके यहां प्यार से सब्जी, चावल, मूंगफली, मूढ़ी आदि लेकर आना नहीं भूलते हैं। आलम यह है कि ये सब्जी वाले डॉक्टर के नाम से मशहूर हो गए हैं। बंगला, मगही, भोजपुरी, हिंदी, ओड़िया और अंग्रेजी में मरीजों से बात करनेवाले डॉ. नागेंद्र सिंह के यहां से कोई भी गरीब मरीज लौटकर नहीं जाता। नि:शुल्क इलाज ही नहीं, जरूरत पड़ने पर मुफ्त सर्जरी भी करते हैं। अब तक करीब 14 हजार मरीजों की मुफ्त सर्जरी कर जान बचा चुके हैं। झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और बिहार से भी मरीज इनके पास आते हैं।
गांवों से आनेवाले गरीब मरीजों को पता है कि डॉक्टर साहब नि:शुल्क इलाज करेंगे, लिहाजा कृतज्ञता जाहिर करने को वे डॉक्टर साहब के लिए अपने खेत की हरी सब्जियां, चावल, मूढ़ी, खीरा, मूंगफली आदि जो भी बन सके लेकर अस्पताल आते हैं।
डॉक्टर इसे खुद इस्तेमाल करने के साथ गरीबों को बांट देते हैं। वे कई ऐसे ऑपरेशन कर मिसाल कायम कर चुके हैं, जिसे दूसरे अस्पतालों में पैसे की कमी से नहीं किया गया। डॉ. नागेंद्र सिंह को स्थानीय संगठनों ने कोल्हान गौरव सम्मान से नवाज रखा है। वह कहते हैं, जिंदगी इस तरह जीना चाहिए कि मिसाल बन जाए। मेरी प्राथमिकता मरीजों की सेवा है, पैसे कमाना नहीं।
उपचार के बाद पौधों का उपहार
अमृतसर के पांच अस्पतालों के सात डॉक्टरों ने अनूठी पहल की है। इनके अस्पतालों में आए मरीजों को पहले दवा दी जाती है। जब वे पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं तो उन्हें एक पौधा भेंट किया जाता है। शर्त सिर्फ इतनी कि पौधे को घर में रोपने के बाद उसकी फोटो वे डॉक्टरों को भेजेंगे।
रोटरी क्लब वेस्ट से जुड़े डॉ. जेएस ग्रोवर, डॉ. राजेश कपिला, डॉ. पुनीत इस्सर, डॉ. नरेश ग्रोवर, डॉ. साहिल, डॉ. राकेश अरोड़ा व डॉ. पंकज सोनी ने इसी साल डॉक्टरों का यह समूह बनाया है। डॉ. जेएस ग्रोवर कहते हैं कि अस्पतालों में आने वाले मरीजों को दवा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का नुस्खा दिया जाता है। हम उन्हें समझाते हैं कि जितना जरूरी उनका ट्रीटमेंट था, उतना ही पर्यावरण को बचाना भी जरूरी है। वे पौधे लगाएं और पर्यावरण के सशक्त प्रहरी बनें ताकि स्वस्थ जीवन जी सकें।