कर्नाटकः राजीव गांधी यूनिवर्सिटी का निर्देश, उत्तरपुस्तिका पर न लिखें भगवान का नाम
कर्नाटक के राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने छात्रों को आगाह किया है कि उत्तर पुस्तिका में भगवान से संबंधित शब्द लिखने पर भी उनके साथ दयालुता का व्यवहार नहीं किया जाएगा।
बेंगलुरु [प्रेट्र]। मुश्किल समय में भगवान को याद करना कोई अस्वाभाविक बात नहीं है और परीक्षा में इससे अलग नहीं है। लेकिन, कर्नाटक के राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने छात्रों को आगाह किया है कि उत्तर पुस्तिका में भगवान से संबंधित शब्द लिखने पर भी उनके साथ दयालुता का व्यवहार नहीं किया जाएगा।
परीक्षार्थियों द्वारा उत्तर पुस्तिका में हिंदुत्व के प्रतीक शब्द ओम या भगवान का नाम लिखने को विश्वविद्यालय ने गंभीरता से लिया है। इसने सभी मान्यता प्राप्त कॉलेजों को परीक्षा भवन में होने वाले इस तरह के व्यवहार के खिलाफ सर्कुलर भेजा है।
एक अक्टूबर को जारी इस सर्कुलर में रजिस्ट्रार (मूल्यांकन) डॉ. एमके रमेश ने आठ 'नहीं करें' का उल्लेख करते हुए पहले नंबर पर भगवान का नाम नहीं लिखने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिका में तीसरे पन्ने से शुरू करते हुए कोई भी शब्द या पंक्ति नहीं लिखें। अपने मत के अनुसार किसी भगवान का नाम आदि नहीं लिखें।
सर्कुलर में कहा गया है कि किसी का नाम लिखना, पेज के अंत में अप्रासंगिक संदेश, नंबर या पंक्ति लिखना, प्रतीक चिह्न, निशान, शब्द या अक्षर अथवा उत्तर पुस्तिका के साथ छेड़छाड़ करने से परीक्षार्थी की पहचान प्रभावित होगी और इसे कदाचार माना जाएगा।
विश्वविद्यालय की उप निदेशक ने बताया कि कुछ परीक्षार्थी मूल्यांकनकर्ता के सामने अपनी पहचान बताने की चेष्टा करते हैं। इस तरह के निर्देशों को जारी करने का उद्देश्य परीक्षार्थी को यह बताना है कि मूल्यांकनकर्ता के सामने अपनी पहचान उजागर न करें।