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असेसमेंट के नाम पर अतिरिक्त पूछताछ न करें आयकर अफसर

सीबीडीटी ने इनकम टैक्स अफसरों से कहा है कि वे स्क्रूटनी असेसमेंट के दौरान पूरी तरह से दिशानिर्देशों का पालन करें।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 01 Dec 2017 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 01 Dec 2017 10:06 PM (IST)
असेसमेंट के नाम पर अतिरिक्त पूछताछ न करें आयकर अफसर
असेसमेंट के नाम पर अतिरिक्त पूछताछ न करें आयकर अफसर

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिकारियों को साफ तौर पर चेताया है कि वे स्क्रूटनी असेसमेंट के नाम पर करदाताओं से अतिरिक्त पूछताछ नहीं करें। सीबीडीटी ने इनकम टैक्स अफसरों से कहा है कि वे स्क्रूटनी असेसमेंट के दौरान पूरी तरह से दिशानिर्देशों का पालन करें। बोर्ड ने कर अधिकारियों को भेजे पत्र में यह निर्देश दिया है। सीबीडीटी आयकर विभाग का शीर्ष नीति निर्धारण निकाय है।

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बोर्ड ने अपने दो पन्नों के पत्र में कहा है कि टैक्स असेसमेंट अफसर (एओ) अपने लिए तय लक्ष्मण रेखा नहीं लांघें। वे न तो मुद्दे से भटकें और न ही किसी सीमित जांच प्रक्रिया का दायरा मनमाने अथवा गैरकानूनी तरीके से बढ़ाएं। आयकर विभाग को कर चोरी या कम आमदनी दिखाने के संदेह में स्क्रूटनी असेसमेंट करने का अधिकार है। यह काम वह कानून और प्रक्रिया के तहत कर सकता है। इसमें कई दस्तावेज जमा कराने होते हैं। वह दोनों पक्षों की सुनवाई करता है।

करदाता इस बारे में पहले ही शिकायत कर चुके हैं, क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार उन्हें उत्पीड़न का भी शिकार होना पड़ता है। सीबीडीटी ने व्यवस्था दी है कि सिर्फ एक फीसद से कम आयकर रिटर्न दाखिलों या मामलों को कड़े स्क्रूटनी असेसमेंट से गुजरना चाहिए। यह पत्र देशभर के सभी आयकर केंद्रों को जारी किया गया है।

पत्र में कहा गया है कि इस तरह की कार्रवाई आयकर विभाग का नाम खराब करती है। इस बारे में मिली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा। इसलिए एक बार फिर यह बात दोहराई जाती है कि आकलन अधिकारी (एओ) सीबीडीटी के निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। दिशानिर्देशों के दायरे से बाहर जाकर काम कतई न करें। बोर्ड के दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि सीमित जांच प्रक्रिया को अंजाम देने के दौरान एओ को सुनवाई के मिनट्स तारीख सहित ऑर्डर शीट पर अंकित करने चाहिए। हर पोस्टिंग, सुनवाई, स्थगन वगैरह को उचित रूप से दर्ज किया जाना चाहिए।

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