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घर से बाहर कदम रखते हुए संक्रमण से बचाव के कदमों की न करें अनदेखी, कोरोना से पूरी तरह रहें सतर्क

लोग बड़ी संख्या में बाहर निकलने लगे। इसी बीच अल्फा वैरिएंट सामने आया और देखते-देखते पूरे ब्रिटेन में फैल गया। अप्रैल और मई में कुछ ऐसा ही भारत में भी हुआ। जब जनवरी में पहली लहर कमजोर पड़ने लगी तो लोग बाहर निकलने लगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 10:32 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:40 AM (IST)
घर से बाहर कदम रखते हुए संक्रमण से बचाव के कदमों की न करें अनदेखी, कोरोना से पूरी तरह रहें सतर्क
लाकडाउन और शारीरिक दूरी के नियमों का हो रहा उल्लंघन

[डा दिलीप कुमार]। विज्ञान जगत की प्रतिष्ठित पत्रिका साइंस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में तबाही मचाने वाले अल्फा वैरिएंट के तेजी से फैलने के पीछे मुख्य वजह थी हाई इंटर कम्युनिटी मोबिलिटी। जिसका सीधा मतलब है लोगों का एक से दूसरे क्षेत्र में बड़ी तादाद में आना-जाना। जब कोरोना की पिछली लहर कमजोर पड़ने लगी तो ब्रिटेन में लाकडाउन के नियमों को ढीला कर दिया गया। लोग बड़ी संख्या में बाहर निकलने लगे। इसी बीच अल्फा वैरिएंट सामने आया और देखते-देखते पूरे ब्रिटेन में फैल गया। अप्रैल और मई में कुछ ऐसा ही भारत में भी हुआ। जब जनवरी में पहली लहर कमजोर पड़ने लगी, तो लोग बाहर निकलने लगे। बड़ी भीड़ एकत्रित होने लगी। इस बीच सिक्वेंसिंग डाटा में महाराष्ट्र में नए वैरिएंट की पुष्टि भी हुई, लेकिन लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया और लाकडाउन और शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन किया।

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देश में 40 करोड़ लोगों में एंटीबाडी नहीं

हाल ही में आइसीएमआर का चौथा राष्ट्रीय सीरो सर्वे बताता है कि देश में अभी भी करीब 40 करोड़ लोगों में एंटीबाडी नहीं है, जिनमें संक्रमण का खतरा है। यह आबादी कम नहीं है। खतरा सिर्फ इस आबादी में संक्रमण का ही नहीं है, इससे भी बड़ा खतरा है किसी नए वैरिएंट के पैदा होने का या फिर किसी दूसरे देश में सामने आए नए वैरिएंट का हमारे देश में फैलने का। अभी तक वैरिएंट्स के खिलाफ हमारे टीके प्रभावी हैं और यह बड़ी राहत की बात है। लेकिन, अगर संक्रमण की दर को नियंत्रित नहीं किया जा सका, तो भविष्य में वैक्सीन के प्रभाव को कम करने वाले नए वैरिएंट की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसे में वैक्सीन ले चुके लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। जब तक वायरस हमारे बीच है, तब तक उसमें म्युटेशन होता रहेगा और नए वैरिएंट बनने की आशंका रहेगी।

टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने का होना चाहिए प्रयास

अब हमारा पूरा ध्यान संक्रमण को नियंत्रित रखने पर होना चाहिए। प्रशासनिक स्तर पर टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए। जहां संक्रमण बढ़ता दिखे, वहां सख्त कदम उठाने के साथ उन इलाकों में वायरस के जीन सिक्वेंसिंग करने की भी जरूरत होगी, ताकि किसी नए वैरिएंट को पहचाना जा सके और उसके द्वारा तबाही मचाने से पहले ही नियंत्रित किया जा सके।

लोगों की बेतरतीब आवाजाही और लापरवाही ही ब्रिटेन में अल्फा वैरिएंट के तेजी से फैलने का कारण बनी थी। भारत में दूसरी लहर की वजह भी कुछ अलग नहीं थी। इसलिए जरूरी है कि हम घर से बाहर कदम रखते हुए संक्रमण से बचाव के कदमों की अनदेखी न करें।

(वायरोलाजिस्ट, बेलर कालेज आफ मेडिसिन, ह्यूस्टन)


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