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गेहूं की सरकारी खरीद में पहले दिन उप्र में रही अव्यवस्था, पंजाब में नहीं मिले कूपन

उप्र में आधी अधूरी तैयारी के साथ शुरू हुई गेहूं खरीद के पहले दिन बुधवार को अव्यवस्था हावी रही।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 12:09 AM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 12:09 AM (IST)
गेहूं की सरकारी खरीद में पहले दिन उप्र में रही अव्यवस्था, पंजाब में नहीं मिले कूपन
गेहूं की सरकारी खरीद में पहले दिन उप्र में रही अव्यवस्था, पंजाब में नहीं मिले कूपन

नई दिल्ली, जेएनएन। उप्र में आधी अधूरी तैयारी के साथ शुरू हुई गेहूं खरीद के पहले दिन बुधवार को अव्यवस्था हावी रही। प्रदेश में चार हजार से अधिक क्रय केंद्र खुलने का दावा किया गया परंतु दोपहर बाद तक कुल 615 किसानों से मात्र 4048 मीट्रिक टन गेहूं खरीद हो पाने की जानकारी दी गयी। लॉकडाउन का प्रभाव गेहूं खरीद की तैयारियों पर भी साफ नजर आया। कहीं क्रय केंद्रों पर किसानों के लिए शामियाना, पेयजल व बैठने आदि के इंतजाम नहीं थे तो कहीं बोरों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो सकी थी।

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तीन हजार केंद्रों के आरंभ होने की सूचना 

सर्वाधिक क्रय केंद्र स्थापित करने की जिम्मेदारी लेने वाले सहकारिता विभाग का हाल भी कमोबेश ऐसा ही रहा। विभिन्न सहकारी संस्थाओं को 3760 क्रय केंद्र संचालित करने का लक्ष्य मिला था लेकिन बुधवार को लगभग तीन हजार केंद्रों के आरंभ होने की सूचना है। उक्त केंद्रों पर कुल 305 किसानों से मात्र 2309 मीट्रिक टन खरीद होने की जानकारी दी गई। 

किसानों को कोई असुविधा न होने की हिदायत 

सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने बताया कि पीसीएफ, पीसीयू यूपीएसएस के जरिए खरीद कार्य हो रहा है। बुधवार को उक्त संस्थाओं के प्रबंधकों से वार्ता कर गेहूं खरीद की समीक्षा की गयी। पहले दिन तैयारी जरूर कुछ कम थी। सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गयी है कि किसानों को कोई असुविधा न होने पाए। क्रय केंद्रों पर शुद्ध पेयजल, सफाई और सैनिटाइजर का विशेष प्रबंध किया जाए। वहीं किसान मजदूर संगठन के वीएम सिंह का कहना है कि सरकार गेहूं खरीद से मुंह छिपा रही है वरना 15 दिन विलंब से शुरू हो रहे खरीद कार्य की तैयारियां समय रहते पूरी करा ली जाती।

पंजाब में ओला की मदद से मिलेंगे किसानों को पास

पंजाब में भी बुधवार से गेहूं की खरीद शुरू हो गई, लेकिन फसल को मंडी में लाने के लिए कूपन नहीं मिलने से किसानों में बेचैनी दिखी। आढ़तियों को भी सरकार से यही शिकायत है कि कुछ ही आढ़तियां को तीन-तीन या चार-चार कूपन मिले हैं। शेष सभी इंतजार कर रहे हैं। इन सभी मुश्किलों को देखते हुए पंजाब सरकार ने ओला कंपनी के साथ टाई अप किया है, जो पंजाब के 17 लाख किसानों को उनकी ट्रालियों को मंडियों में लाने के लिए ई-पास मुहैया कराएगी। ओला एप किसानों के मोबाइल पर इंस्टॉल की जाएगी, जिससे उन्हें मंडी गेट की स्थिति का पता चलता रहेगा। सभी आढ़तियों को एक ट्रॉली के लिए केवल एक पास जारी किया जाएगा। किसानों को उनकी फसल को मंडी में लाने से तीन दिन पहले पास जारी कर दिया जाएगा, ताकि मंडी में ज्यादा भीड़ न हो।

मप्र में पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद

मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन को छोड़कर बुधवार से 1925 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद शुरू हो गई। कोरोना संकट का असर उपार्जन केंद्रों में साफ देखा गया। ग्वालियर और जबलपुर संभाग के कई केंद्रों पर किसानों की संख्या बहुत कम रही। रात साढ़े आठ बजे तक 15 जिलों की रिपोर्ट के अनुसार 3000 किसानों से 5000 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। खरीदी से पहले कुछ केंद्रों पर किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण भी हुआ। वहीं, हाथ धोए और बिना मास्क लगाए किसानों को केंद्रों के अंदर नहीं आने दिया गया।


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