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एलएसी पर कम हो रहा तनाव, पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों से दोनों सेनाओं की हुई वापसी

पूर्वी लद्दाख में स्थित पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों से भारत और चीन के सेना की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारतीय सैनिक भी निचले स्थानों पर आ गए हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 05:18 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 05:42 PM (IST)
एलएसी पर कम हो रहा तनाव, पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों से दोनों सेनाओं की हुई वापसी
20 जून 2020 की खूनी झड़प के बाद से क्षेत्र में था तनाव

नई दिल्ली, एएनआइ। पिछले नौ महीनों से एलएसी पर भारत और चीन के बीच चल रहा तनाव अब कम हो रहा है। भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख में स्थित पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों से भारत और चीन के सेना की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारतीय सैनिक भी निचले स्थानों पर आ गए हैं।

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पैंगोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी किनारे पर सैनिकों का विघटन पूरी तरह से हो चुका है, इसलिए भारत और चीन शनिवार को होने वाली कोर कमांडर स्तर की वार्ता में गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग के मैदानों सहित पूर्वी लद्दाख में तीन घर्षण बिंदुओं से होने वाले विस्थापन पर चर्चा करेंगे। 

सेना के सूत्रों के अनुसार भारत और चीन मोल्दो में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शनिवार सुबह 10 बजे कोर कमांडर स्तर की वार्ता का आयोजन करेंगे।

पिछले सप्ताह दोनों सेनाओं के बीच हुआ था समझौता

पिछले सप्ताह सैन्य और राजनयिक स्तर पर वार्ता के बाद भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी बीच समझौता हुआ था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि कि सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई दौर की बातचीत के बाद यह समझौता किया गया था। वहीं, संसद में भाषण के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था दोनों देशों के विघटन को स्पष्ट रूप से समाप्त कर दिया गया है।

बता दें कि लद्दाख में भले स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन दुश्मन पर भारत की नजर लगातार बनी हुई है। ऐसे में भविष्य की तैयारियों में भी भारतीय सेना पीछे नहीं है। सेना ने लद्दाख में तीन के-9 वज्र तोपों की तैनाती भी की है।


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