Move to Jagran APP

चीनी सैनिकों की गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से वापसी हुई पूरी, तीन किलोमीटर का बनाया गया बफर जोन

India China Tension इसके साथ ही पैट्रोलिंग प्वाइंट -14 पैट्रोलिंग प्वाइंट -15 और पैट्रोलिंग प्वाइंट -17 पर पीछे हटने की प्रक्रिया खत्म हो गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 04:07 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 09:47 PM (IST)
चीनी सैनिकों की गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से वापसी हुई पूरी, तीन किलोमीटर का बनाया गया बफर जोन
चीनी सैनिकों की गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से वापसी हुई पूरी, तीन किलोमीटर का बनाया गया बफर जोन

नई दिल्ली, एजेंसी। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थान गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से वापसी गुरुवार को पूरी हो गई। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए सैन्य स्तर पर हुई बातचीत में बनी सहमति के मुताबिक यह काम हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों पक्षों ने गलवन घाटी, गोगरा तथा हॉट स्प्रिंग्स में तीन किलोमीटर का बफर जोन बनाने का काम भी पूरा कर लिया है। इससे तनाव का कारण बने इन क्षेत्रों में टकराव की संभावना फिलहाल कम हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, पीएलए ने अपने सैनिकों को गोगरा (पैट्रोलिंग प्वाइंट 17) से पूरी तरह वापस बुला लिया है। इस तरह दोनों पक्षों ने टकराव टालने के लिए सैनिकों की वापसी का पहला चरण पूरा कर लिया है।

loksabha election banner

अब पूरा फोकस पैंगोंग त्सो पर

उन्होंने बताया कि अब पूरा फोकस पैंगोंग त्सो पर है, जहां फिंगर 4 से सैनिकों की संख्या कम हो रही है। भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि चीन फिंगर 4 और 8 से अपनी सेना हटाए। इस बीच, खबर है कि दोनों पक्षों के बीच कोर कमांडर स्तरीय चौथे दौर की वार्ता दो-तीन में हो सकती है। दोनों ही सेनाएं अगले कुछ दिनों में संयुक्त रूप से इसकी पुष्टि भी करेंगी कि सैनिकों की वापसी हुई है या नहीं।

उल्लेखनीय है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल तथा चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच रविवार को फोन पर हुई दो घंटे की बातचीत के बाद सोमवार सुबह से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया औपचारिक तौर पर शुरू हुई थी। बातचीत में दोनों पक्ष टकराव वाली जगहों से सैनिकों की जल्द वापसी तथा क्षेत्र में शांति और सौहा‌र्द्र का माहौल बनाने पर सहमत हुए थे।

डोभाल और वांग सीमा वार्ताओं पर अपने-अपने देश के प्रतिनिधि भी हैं। इस बातचीत के बाद गलवन घाटी, हॉट स्पि्रंग्स, गोगरा तथा पैंगोंग त्सो के फिंगर क्षेत्रों से दोनों देशों के सैनिकों के हटने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। हालांकि सैन्य सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना तब अपनी आक्रामकता बनाए रखेगी जब तक कि चीन अपने रियर बेस पर सैनिकों की संख्या में उल्लेखनीय कमी नहीं करता है।

पिछले दो महीने से चल रहा तनाव

15 जून की घटना से और बढ़ गया था। इस घटना में दोनों देशों के जवानों के बीच खूनी संघर्ष हो गया था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 43 सैनिक मारे गए। हालांकि चीन ने अपने हताहत सैनिकों की संख्या की अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.