जानिए, क्यों रथयात्रा पर गुजरात सरकार के रुख को हाई कोर्ट ने बताया निराशाजनक
गुजरात हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी रथयात्रा पर रोक लगाए जाने संबंधी एक जनहित याचिका पर अंतिम आदेश में की थी जो मंगलवार को उपलब्ध हुई।
अहमदाबाद, प्रेट्र। गुजरात हाई कोर्ट ने रथयात्रा को लेकर राज्य सरकार के रुख पर निराशा जताई है। उसने कहा कि अहमदाबाद में 143वीं भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के आयोजन की अनुमति देने से इन्कार करने की बजाय राज्य सरकार ने तुष्टीकरण की नीति अपनाई। कोर्ट ने कहा, 'धार्मिक भावनाएं आहत होने के बावजूद ज्यादातर लोगों ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के मद्देनजर वर्षों पुरानी रथयात्रा को रद किए जाने को उचित समझा, लेकिन राज्य सरकार के निष्क्रिय व दबाव में झुक जाने वाले रुख से निराशा हुई।'
हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी रथयात्रा पर रोक लगाए जाने संबंधी एक जनहित याचिका पर अंतिम आदेश में की थी, जो मंगलवार को उपलब्ध हुई। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस जेबी पर्दीवाला की पीठ ने कहा, 'एक धर्मनिरपेक्ष निकाय के रूप में सरकार का मुख्य ध्यान हर कीमत पर लोगों के स्वास्थ्य व उनकी भलाई पर होना चाहिए, भले ही इससे कुछ धार्मिक नेताओं की भावनाएं आहत हों।' बता दें कि हाई कोर्ट ने 20 जून को अहमदाबाद में 23 जून प्रस्तावित रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। हालांकि, बाद में सरकार के आग्रह पर सशर्त अनुमति दे दी थी।
नहीं तोड़े जाएंगे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के रथ
रथयात्रा को लेकर इस बार काफी ऊहापोह की स्थिति देखने को मिली। कोर्ट की इजाजत के बाद कोरोना संक्रमण के कारण इस साल भक्त विहीन रथयात्रा का आयोजन किया गया था। ऐसे में श्रद्धालु बड़दांड में आकर रथ पर विराजमान महाप्रभु के दर्शन नहीं कर पाये थे। रथ छूने का सौभाग्य भी इस बार भक्तों को नहीं मिला। ऐसे में श्रद्धालुओं को रथ का दर्शन कराने के उद्देश्य से श्रीविग्रहों के तीनों रथ को संजोकर रखा जाएगा। इस साल रथयात्रा में प्रयोग होने वाले तीनों रथों को तोड़ा नहीं जाएगा। इन रथों को महाप्रभु के प्रमोद उद्यान जगन्नाथ बल्लभ में सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना संक्रमण के कारण इस साल भक्त विहीन रथयात्रा की गई थी। केवल सेवक एवं पुलिस कर्मचारी की उपस्थिति में रथ को खींचा गया था। भक्त ने अपने घरों में बैठकर टीवी के माध्यम से महाप्रभु की रथयात्रा को देखा था। ऐसे में भक्त इस बार ना ही रथ की रस्सी को छू सके और ना ही रथ को। अब श्रीमंदिर संचालन कमेटी ने भक्तों की इसी अभिलाषा को पूर्ण करने के उद्देश्य से तीनों रथों को सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है।