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भाजपा के हर बार 'टारगेट' हिट करने पर दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल, पूछा क्या है जुगाड़

लोकसभा चुुुुनाव में हार के बाद अब दिग्विजय सिंह ये सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कैसे भाजपा चुनाव के लिए जो टारगेट देती है वो उसे हासिल कर लेती है।

By VinayEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 01:38 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 02:24 PM (IST)
भाजपा के हर बार 'टारगेट' हिट करने पर दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल, पूछा क्या है जुगाड़
भाजपा के हर बार 'टारगेट' हिट करने पर दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल, पूछा क्या है जुगाड़

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आ जाने के बाद अब मध्य प्रदेश की भोपाल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने भाजपा की इतनी बड़ी जीत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। उनका कहना है कि अब चुनाव से पहले भाजपा की ओर से जितनी सीटें जीतने का टारगेट तय किया जाता है वो उसके आसपास या उससे अधिक सीटें जीत लेते हैं। भाजपा बीते दो चुनावों से ऐसी कौन सी गणित का इस्तेमाल कर रही है, जिससे उनको इसका पहले से ही पता चल जाता है। लगता है कि 2024 के चुनाव में वो 350 सीटें जीतने का लक्ष्य रखेंगे और जीत जाएंगे।

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उनका कहना है कि भाजपा के पास ऐसी कौन सी जादू की छड़ी आ गई है, जिसके जरिये वो चुनाव से पहले जो कह देते हैं वो ही हो जाता है। इससे पहले साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 280+ सीटें जीतने की बात कही थी, तो वो उस चुनाव में 282 सीटें जीतकर आए। इस बार 2019 के चुनाव में उन्होंने 300 से अधिक सीटें आने की बात कही थी, अब उन्होंने 300 से अधिक सीटें जीत ली। वो साल 2014 के चुनाव में लोकसभा में भाजपा को मिली सीटों पर भी सवाल उठा रहे हैं, जबकि उस दौरान केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। यानि चुनाव से पहले मशीनरी पूरी तरह उनके ही हाथ में थी।

मालूम हो कि दिग्विजय सिंह इस बार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से चुनाव हार चुके हैं। वो 10 साल तक भोपाल के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, इस वजह से ये माना जा रहा था कि उनको चुनाव हराना आसान नहीं होगा, मगर जिस तरह से पहली बार चुनाव मैदान में उतरी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने उनको चुनाव हरा दिया वो अपने आप में हैरान करने वाला रहा। इसकी किसी को भी उम्मीद नहीं थी। मगर पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़े गए चुनाव में किसी की नहीं चली, सभी ने राष्ट्रवाद के नाम पर पीएम मोदी को वोट किया और भाजपा ने सीटें जीतने का रिकॉर्ड बनाया।

राजनीतिक पंडित ये मान रहे थे कि साध्वी चुनाव हार जाएंगी, दिग्विजय सिंह का राजनीतिक जीवन काफी लंबा रहा है उनको हराना आसान नहीं होगा। मगर ऐसी सभी संभावनाएं धरी की धरी रह गईं। मतगणना हुई तो दिग्विजय सिंह हारे हुए घोषित किए गए। अब अपनी हार से परेशान दिग्विजय सिंह सवाल उठा रहे हैं।

उनका कहना है कि लोकसभा चुनावों में बीजेपी के पास ऐसी कौन सा मंत्र आ गया है, जिसके जरिये वो यह जान ले रहे हैं कि उनको कितनी सीटें मिल जाएंगी। अब तक तो राजनीतिक दल अनुमान ही लगा पाते थे कि हमें इतनी सीटें मिल जाएंगी मगर बीजेपी जितनी सीटों का टारगेट तय कर रही है वो उससे अधिक हासिल भी कर ले रही है।

उन्होंने कहा कि एक बात ये भी देखने वाली है कि जिस साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे पर भी टिप्पणी कर दी,जनता ने उनको भी पसंद किया और चुनाव में वोट दिया। ये अपने आप में सोचने वाली बात है। अब यदि जनता इस तरह की बयानबाजी करने वाले नेताओं को भी पसंद कर रही है तो उनकी पसंद पर सवाल उठना चाहिए। खैर अंत में वो अपने को कांग्रेस कार्यकर्ता बताकर भोपाल में ही काम करने की बात कहकर अपने को संतुष्ट कर रहे हैं।
 

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