हस्तियों की सुप्रीम कोर्ट से गुहार, प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही पर करें पुनर्विचार
देश की कुछ हस्तियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुजारिश की है कि वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही पर फिर से विचार किया जाए।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन लोकुर (Justice MB Lokur) और लेखिका अरुंधती राय (Arundhati Roy) समेत 130 से ज्यादा हस्तियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शीर्ष अदालत (Supreme Court) से गुजारिश की है कि वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के खिलाफ शुरू की गई अवमानना की कार्यवाही पर फिर से विचार किया जाए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के न्यायपालिका के प्रति कथित अपमानजनक ट्विट्स के मामले में उन्हें 22 जुलाई को अवमानना की कार्यवाही शुरू किए जाने के बारे में नोटिस जारी किया था। शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने इस मामले में अटार्नी जनरल के वेणुगोपाल (Attorney General KK Venugopal) से सहयोग करने की अपील की थी। अब भूषण के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए दिग्गज हस्तियों ने बयान जारी किया है।
इन पूर्व न्यायाधीश, पूर्व नौकरशाहों, पूर्व राजनयिकों और नेताओं, कार्यकर्ताओं ने कहा है कि भूषण के खिलाफ शुरू की गई अवमानना की कार्यवाही आलोचना की गला घोटने जैसी कोशिश है। इन दिग्गज हस्तियों ने कहा है कि न्याय, निष्पक्षता के साथ अदालत की गरिमा को बरकरार रखने के लिए हम शीर्ष अदालत से गुजारिश करते हैं कि वह प्रशांत भूषण के खिलफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
साझा जारी बयान पर न्यायमूर्ति लोकुर के साथ ही पूर्व नौसेना अध्यक्ष एडमिरल रामदास, कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा, सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर और पत्रकार पी साईनाथ ने भी दस्तखत किए हैं। इन लोगों ने कहा है कि प्रशांत भूषण लगातार समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। भूषण ने अपना जीवन उन लोगों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने में लगा दिया जो सहजता से न्याय हासिल करने में सक्षम नहीं थे।