धर्मेद्र प्रधान ने कहा- शीघ्र घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रयास
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा है कि पेट्रोलियम पदार्थों की दरें जल्द नियंत्रण में आ जाएंगी। प्रधान के मुताबिक पेट्रोलियम पदार्थों की दरों में बढ़ोतरी तात्कालिक है। पिछले कुछ समय के दौरान दुनियाभर में तेल उत्पादन में कमी आई है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा है कि पेट्रोलियम पदार्थों की दरें जल्द नियंत्रण में आ जाएंगी। प्रधान के मुताबिक पेट्रोलियम पदार्थों की दरों में बढ़ोतरी तात्कालिक है। पिछले कुछ समय के दौरान दुनियाभर में तेल उत्पादन में कमी आई है। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की दर में बढ़ोतरी हुई है। मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
पेट्रोल व डीजल के दाम में फिर हुई 35 पैसे प्रत्येक की बढ़ोतरी
इस बीच, दो दिनों तक स्थिर रखने के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने मंगलवार को फिर पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ा दिए। नवीनतम 35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद नई दिल्ली में पेट्रोल 90.93 रुपये और डीजल 81.32 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। वहीं, ओडिशा के मलकानगिरि जिले में प्रीमियम पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई है। यहां सामान्य पेट्रोल प्रति लीटर 96 रुपये 31 पैसे व डीजल 93.13 रुपये में बिक रहा है।
राजस्थान व मध्य प्रदेश में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया था
उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार तक लगातार 12 दिनों की बढ़ोतरी के बाद राजस्थान व मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में नॉर्मल पेट्रोल का भाव भी 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया था। उसके बाद रविवार और सोमवार को कंपनियों ने दाम नहीं बढ़ाए।
अमेरिका से जारी रहेगी तेल-गैस आपूर्ति
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि भारत को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति जारी रहेगी। इसके साथ ही राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार भारत को नवीन ऊर्जा के विकास में भी मदद करती रहेगी।
ऊर्जा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के रिश्ते बेहद मजबूत
प्राइस का कहना था कि ऊर्जा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के रिश्ते बेहद मजबूत हैं। हालांकि बाइडन जीवाश्म ईधन के खिलाफ हैं और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे हमारी प्राथमिकताओं में हैं, इसके बावजूद रणनीतिक ऊर्जा क्षेत्र में भारत के साथ हमारे रिश्ते और मजबूत होंगे।