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जीएसटी व नोटबंदी के साये में फीकी रह सकती है धनतेरस

पिछले साल हुई नोटबंदी के कारण बाजार में नकदी का प्रवाह कम हुआ है। इसके चलते इस बार ग्राहक कम हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 14 Oct 2017 01:56 AM (IST)Updated: Sat, 14 Oct 2017 09:28 AM (IST)
जीएसटी व नोटबंदी के साये में फीकी रह सकती है धनतेरस
जीएसटी व नोटबंदी के साये में फीकी रह सकती है धनतेरस

मुंबई, प्रेट्र। इस बार धनतेरस पर स्वर्ण आभूषण का कारोबार फीका रह सकता है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सराफा कारोबारियों ने कई तरह की छूट और उपहार की घोषणाएं की है। हालांकि कारोबारियों का कहना है कि ज्वैलरी पर जीएसटी नियमों को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। इससे कारोबार फीका रह सकता है।

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इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आइबीजेए) के डायरेक्टर सौरभ गाडगिल ने कहा कि बाजार धारणा में सुधार हुआ है लेकिन अब भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। गाडगिल ने कहा, 'अगर पूरा कारोबार पिछले साल के बराबर या उससे पांच फीसद भी बढ़ सका तो खुशी की बात होगी।' पीएनजी ज्वैलर्स के सीएमडी गाडगिल ने कहा कि कई कंपनियों में वेतन में हो रहा विलंब, उम्मीद से कम बोनस और मनी लांड्रिंग रोधी कानून (पीएमएलए) को लेकर अस्पष्टता के कारण इस धनतेरस और दिवाली पर बाजार में बिक्री कम रह सकती है। अर्थव्यवस्था में गिरावट से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई है। बाजार में अगले हफ्ते से ग्राहकों की आवाजाही बढ़ेगी लेकिन कुल खरीद कम रहने का अनुमान है।

ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने भी इसी तरह का अनुमान रखा है। उन्होंने कहा कि पीएमएलए को लेकर सरकार के हालिया फैसले से बाजार को राहत मिली है। हालांकि बाजार में नकदी की कमी के कारण बाजार धारणा कमजोर है। खंडेलवाल ने कहा, 'ग्राहकों की आवाजाही शुरू हुई है लेकिन अभी इसने गति नहीं पकड़ी है।

पिछले साल हुई नोटबंदी के कारण बाजार में नकदी का प्रवाह कम हुआ है। इसके चलते इस बार ग्राहक कम हैं। इस साल कारोबार पिछले साल के बराबर या उससे कम रह सकता है।' उन्होंने कहा कि आभूषण विक्रेता ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। कई विक्रेताओं ने विभिन्न छूट और ऑफर की भी घोषणा की है। इस बार ज्यादातर ग्राहक हल्के और जरूरी आभूषणों की खरीद तक सीमित रह सकते हैं। व‌र्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारत में मैनेजिंग डायरेक्टर सोम सुंदरम ने कहा कि आभूषण उद्योग त्योहारी सीजन के स्वागत के लिए तैयार है। हालात पहली छमाही से बेहतर दिख रहे हैं।

उन्होंने कहा, 'जुलाई में लांच हुई जीएसटी से जुड़ी अपनी चुनौतियां हैं। इनका असर कुछ समय बना रहेगा। जीएसटी को उचित तरीके से अपनाया नहीं गया है। साथ ही दक्षिण कोरिया से सोने-चांदी के आयात पर प्रतिबंध से भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई है।' सोम सुंदरम ने हालांकि उम्मीद जताई कि बिक्री पिछले साल के स्तर को छू लेगी।

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