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DGCI को नहीं मिली सीरम की वैक्सीन में गड़बड़ी, वालंटियर को नहीं दिया जाएगा हर्जाना

कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में शामिल चेन्नई के एक वालंटियर द्वारा किए गए दावे की भारतीय दवा महानियंत्रक (DCGI) ने जांच की। इस दौरान वैक्सीन में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है। वालंटियर ने 5 करोड़ का मुआवजा मांगा है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 12:24 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 12:24 PM (IST)
DGCI को नहीं मिली सीरम की वैक्सीन में गड़बड़ी, वालंटियर को नहीं दिया जाएगा हर्जाना
डीसीजीआइ ने कहा है कि वालंटियर को हर्जाना नहीं दिया जाना चाहिए।

नई दिल्ली, प्रेट्र। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एवं ब्रिटिश फर्म एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन का ट्रायल कर रहा है। इसके ट्रायल में शामिल रहे चेन्नई के एक वालंटियर ने टीके के कारण गंभीर न्यूरोलॉजिकल एवं साइकोलॉजिकल दिक्कतों का दावा करते हुए कंपनी से पांच करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है।

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विशेषज्ञों की स्वतंत्र समिति की रिपोर्ट के आधार पर डीसीजीआइ इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि वालंटियर को हर्जाना नहीं दिया जाना चाहिए। शिकायत की पड़ताल के लिए डीसीजीआइ ने एम्स, सफदरजंग हास्पिटल, चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों की विशेषज्ञ टीम बनाई थी।

सीरम इंस्टीट्यूट पहले ही वालंटियर के दावे को खारिज कर चुका है। इंस्टीट्यूट ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए संस्थान की छवि को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए वालंटियर पर 100 करोड़ रुपये का दावा ठोकने की बात भी कही है।

वहीं, देश में कोरोना वायरस के मामले 95 लाख के पार पहुंच गए है, जिनमें से 89.73 लाख लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 94.11 फीसद पहुंच गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार एक दिन में कोरोना के 35,551 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 95,34,964 हो गए। वहीं 526 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,38,648 हो गई।

आंकड़ों के अनुसार देश में 89,73,373 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 94.11 प्रतिशत हो गई। देश में अब भी उपचाराधीन लोगों की संख्या पांच लाख से कम है। देश में अभी 4,22,943 लोगों का कोरोना वायरस का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 4.44 प्रतिशत है। आईसीएमआर के अनुसार दो दिसंबर तक 14,35,57,647 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई, जिनमें से 11,11,698 नमूनों का परीक्षण बुधवार को किया गया।


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