एक वर्ष पहले कोझिकोड एयरपोर्ट पर DGCA को मिली थी बड़ी खामियां, भेजा था कारण बताओ नोटिस
बीते वर्ष जुलाई में डीजीसीए ने कोझिकोड एयरपोर्ट पर बड़ी खामियां मिलने के बाद वहां के डायरेक्टर को कारण बताओ नोटिस भेजा था।
नई दिल्ली (पीटीआई)। केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर हुए एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान (फ्लाइट संख्या 1344) हादसे के बाद धीरे-धीरे एयरपोर्ट की खामियां उजागर होने लगी हैं। एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने 11 जुलाई 2019 को एयरपोर्ट में कई सुरक्षा खामियां मिलने के बाद यहां के डायरेक्टर के श्रीनिवास को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डीजीसीए ने इस कारण बताओ नोटिस में एयरपोर्ट के रनवे में क्रेक्स, यहां पर जलभराव और जरूरत से ज्यादा रबड़ की मौजूदगी भी पर डायरेक्टर के श्रीनिवास से जवाब मांगा था।
दरअसल 2 जुलाई 2019 यहां पर सऊदी अरब के शहर दम्मान से आए एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान का पिछले हिस्सा रनवे से टच हो गया था। इस घटना के बाद डीजीसीए ने 4-5 जुलाई को यहां का दौरा किया था। इस दौरान डीजीसीए को यहां पर कई खामियां मिली थीं, जिसके बाद ये कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हालांकि इन खामियों को लेकर एयरपोर्ट के डायरेक्टर के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। इस घटना के एक वर्ष पूरा होने के बाद शुक्रवार को यहां पर एयर इंडिया इंडिया एक्सप्रेस का विमान रनवे से फिसल कर करीब 30 फीट नीचे खाई में गिरकर दो हिस्सों में बंट गया था। इस विमान में 190 यात्री सवाल थे। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई है। ये विमान एयरपोर्ट के रनवे संख्या 10 पर उतरा था। जिस वक्त ये विमान रनवे पर उतरा उस वक्त यहां पर तेज बारिश हो रही थी। यहां पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान बोइंग कंपनी का 737-800 का था।
पीटीआई को हासिल हुआ ये कारण बताओ नोटिस में कहा गया है क रनवे 28 पर टच डाउन की जगह पर क्रेक्स थे। टच डाउन जोन में इस तरह की खामियां कई जगहों पर दिखाई दी थीं। ये वो जगह होती है जहां पर विमान के पहिए पहली बार लैंडिंग के बाद रनवे को छूते हैं। टचडाउन जोन रनवे की दहलीज क्षेत्र से आगे का होता है। डीजीसीए ने रनवे पर सेंटर और लेफ्ट में अत्यधिक रबड़ के जमावड़े पर भी जवाब मांगा था। ये रबड़ टच डाउन जोन से सेंटर/लेफ्ट मार्किंग के दोनों तरफ दो मीटर तक पाई गई थी। नोटिस के मुताबिक इसी तरह से रनवे 10 पर भी डीजीसीए अधिकारियों को रबड़ मिली थी। जिस जगह विमान खड़े होते हैं वहां के स्टेंड नंबर 5 पर भी डीजीसीए को क्रेक्स मिले थे। यहां पर एप्रेन सर्फेस की जगह पर भी डेमेज मिला था। एप्रेन वो जगह होती है जहां पर विमान पार्क होते हैं और तेल लेते हैं। यहां से ही विमान में यात्री भी बैठते हैं।
नोटिस में कहा गया था कि एयरक्राफ्ट नंबर वन के पीछे एप्रेन का भी यही हाल था। इसको तुरंत मरम्मत की जरूरत पर जो दिया गया था। डीजीसीए को यहां पर एक्वुएस फिल्म फोर्मिंग फोम कंसंट्रेट (Aqueous Film Forming Foam concentrate) के रिजर्व स्टॉक को भी कम पाया गया था। इसके अलावा डीसीपी कॉम्प्लेमेंटी एजेंट भी कम पाया गया था। इनका इस्तेमाल आग बुझाने के दौरान किया जाता है। ये सभी एयरक्राफ्ट रेस्क्यू एंड फायर फाइटिंग (ARFF) के तहत आते हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदेव पुरी ने कहा है कि शुक्रवार को हुए हादसे के बाद एयर इंडिया ने अपनी तीन रिलीफ फ्लाइट को कोझिकोड भेजा है। ये विमान वहां पर यात्रियों के परिजनों की मदद के लिए भेजे गए हैं। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो के अधिकारी और डीजीसीए के फ्लाइट सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारी भी हादसे वाली जगह पर पहुंच चुके हैं। आपको बता दें कि वैश्विक कोरोना महामारी की वजह से भारत में 23 मार्च से ही विदेशों से आने वाली फ्लाइट बंद हैं। हालांकि भारत ने अपने नागरिकों को को विदेशों से निकालने के लिए वंदे भारत मिशन के तहत सेवा शुरू की थी। ये सेवा 6 मई को शुरू की गई थी।
ये भी पढें:-
जानें क्या होते हैं टेबल टॉप एयरपोर्ट और क्यों मुश्किल होती है यहां पर विमानों की लैंडिंग
कोझिकोड एयर इंडिया विमान हादसे ने ताजा कर दी मंगलोर हादसे की याद, दोनों में कई समानताएं
पायलट ने अपनी जान देकर बचा ली कई लोगों की जान, छोटा रनवे और खराब हालात में लैंडिंग होती है मुश्किल