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डीजीसीए के निषेध से पहले ही ग्राउंड हो चुके थे 11 नियो विमान

डीजीसीए आम तौर पर किसी विमान या विमान श्रेणी पर तभी उड़ान निषेध लागू करता है जब दोनो इंजनों में गड़बड़ी की पुष्टि के साथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरे की स्थिति पैदा हो गई हो।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 09:18 PM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 09:18 PM (IST)
डीजीसीए के निषेध से पहले ही ग्राउंड हो चुके थे 11 नियो विमान
डीजीसीए के निषेध से पहले ही ग्राउंड हो चुके थे 11 नियो विमान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डीजीसीए द्वारा इंडिगो और गो एयर के 11 विमानों पर उड़ान निषेध लागू करने के एक सप्ताह बाद भी भारतीय आकाश में एयरबस ए320-नियो विमानों का खौफ जारी है। रविवार को इंडिगो को एक और नियो को मरम्मत के लिए उतारना पड़ा। पिछले एक सप्ताह में इस तरह का ये छठा वाकया है। ये अलग बात है कि मात्र एक इंजन में खामी के कारण इन विमानों पर डीजीसीए की ओर से कोई उड़ान निषेध लागू नहीं किया गया है। जबकि खुद डीजीसीए को इस तरह के मामलों की जानकारी पिछले साल मार्च से है। एयरलाइने स्वयं एहतियात के तौर पर इंजन बदले जाने तक इनका उपयोग बंद कर रही हैं।

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डीजीसीए आम तौर पर किसी विमान या विमान श्रेणी पर तभी उड़ान निषेध लागू करता है जब दोनो इंजनों में गड़बड़ी की पुष्टि के साथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरे की स्थिति पैदा हो गई हो। डीजीसीए द्वारा उड़ान निषिद्ध घोषित 11 नियो विमान उसी श्रेणी के हैं। इन विमानों में इस तरह की गड़बडि़यां पिछले एक साल से हो रही थीं और डीजीसीए की जानकारी में थीं। डीजीसीए इनकी इंजन समस्या से भलीभांति वाकिफ था। वस्तुत: उसने मार्च, 2017 में ही इंडिगो और गो एयर के अलावा एयरबस तथा प्रैट एंड ह्वटनी को भी इस विषय में आगाह कर दिया था और इंजनों में सुधार की ताकीद कर दी थी। स्वयं इंडिगो और गो एयर भी अपने नियो विमानों पर नजर रख रही थीं और किसी एक इंजन के खराब होते ही विमान को उपयोग से बाहर कर रही थीं। तभी डीजीसीए की रोक से काफी पहले ही इंडिगो ने आठ तथा गो एयर ने तीन नियो को मरम्मत के लिए भेज दिया था। यह स्वनिषेध अलग-अलग महीनो में क्रमवार ढंग से लागू किया गया था। उदाहरण के लिए इंडिगो ने मई'17 में दो, जून में चार तथा जुलाई में एक नियो विमान को ग्राउंड कर दिया था। 11 विमानों पर डीजीसीए के उड़ान निषेध के बाद कल रविवार को इंडिगो का जो विमान ग्राउंड हुआ है उसे भी एयरलाइन ने अपनी ओर से हटाया है।

नियो और इसके इंजन को लेकर पिछले कई महीनो से डीजीसीए का संवाद इंडिगो और गो एयर ही नहीं, बल्कि विमान निर्माता एयरबस तथा इंजन निर्माता प्रैट एंड ह्विटनी से भी हो रहा था। प्रैट एंड ह्विटनी ने तो डीजीसीए को भरोसा दिया था कि वो जल्द ही इंजनों की खामी दुरुस्त कर देगी। इस बीच मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल हो गई। इसमें नियो विमानों को पर पूरी तरह रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। कोर्ट ने डीजीसीए से कार्रवाई को कहा। तभी बीच आकाश में इंजन बंद होने से इंडिगो की अहमदाबाद-लखनऊ फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग की घटना हो गई। ऐसे में डीजीसीए को इंडिगो व गो एयर के पहले से ग्राउंड सभी 11 विमानों पर उड़ान निषेध लागू करना पड़ गया। डीजीसीए के मुताबिक यह नियो विमानों के विरुद्ध विश्व में सबसे कड़ी कार्रवाई है। यूरोपीय नियामक ने भी केवल इन विमानों पर नजर रखने को कहा था। पाबंदी से उसे भी हैरानी हुई है।

नियो विमानो का इस्तेमाल 18 देशों में हो रहा है। जापान, हांगकांग समेत कई देशों की एयरलाइनों को इनसे जुड़ी इंजन समस्या का सामना करना पड़ रहा है।


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